नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Dussehra Ravan Dahan)। रावण दहन उत्सव समिति की परेशानी बेमौसम बरसे बादलों ने बढ़ा दी है। दशहरा मैदान में खड़ा रावण का पुतला क्षतिग्रस्त हो गया है। भीगने से इसका सिर एक तरफ से झुक गया है। अन्य स्थानों पर समिति के सदस्य रावण को बचाने की कवायद में जुट रहे।
इसे कहीं प्लास्टिक से ढंका गया तो कहीं रावण के अलग-अलग हिस्सों को समीप के टेंट में ले जाकर ढंका गया। इस बीच उषागंज छावनी हाईस्कूल मैदान का वाटरप्रूफ रावण बारिश में भी तनकर खड़ा रहा। दशहरा मैदान रावण दहन समिति के अध्यक्ष पिंटू जोशी और संयोजक सत्यनारायण सलवाड़िया ने बताया कि शुक्रवार को रावण के क्षतिग्रस्त हिस्से को सुधारा जाएगा।
आज भी बारिश की संभावना के चलते पॉलीथिन से ढंककर रखा गया है। इस वर्ष 111 फीट का रावण बनाया गया है। एकता सहयोग समिति के अध्यक्ष कपिल तिवारी और लव मीणा ने बताया कि उषागंज छावनी का रावण तेज बारिश में भी खड़ा रहा है।
उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा क्योंकि हमने वाटरप्रूफ रावण बनाया है। निपानिया रावण दहण उत्सव समिति के विजय अग्रवाल ने बताया कि बारिश से 31 फीट का रावण गीला हो गया है। उसे अब दोबारा बनाया जाएगा।
महिला उत्पीड़न रोकने का देंगे संदेश, असुर रावण का होगा दहन
संस्था सूर्यमंच द्वारा श्रीकृष्ण टॉकीज पर इस बार असुर रावण का दहन कर महिला उत्पीड़न रोकने का संदेश दिया जाएगा। संयोजक सन्नी पठारे ने बताया कि संस्था द्वारा हर वर्ष अलग-अलग विषय पर रावण बनाकर सामाजिक बुराइयों के पुतले जलाए जाते हैं।
शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र का उल्लास अब चरम पर है। एक ओर जहां कुल परंपरानुसार गुरुवार को सप्तमी पूजन किया गया, वहीं माता मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालु का मेला लगा। शहर से समूह में सैकड़ों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पैदल देवास पहुंचे। बंगाली क्लब नौलखा में धुनुची नृत्य का उल्लास छाया। शुक्रवार को अष्टमी और नवमी पूजन किया जाएगा।
इस अवसर पर कन्या पूजन के आयोजन होंगे। मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर निरंजनपुर चौराहा पर पूजा-अर्चना के लिए भक्तों का मेला लगा। सुबह मंगल आरती, दोपहर को राजश्री आरती और संध्याकालीन आरती के बाद शयन आरती हुई।
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित शिवनारायण पाठक ने बताया कि शारदीय नवरात्र में प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र पर नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ आराधना की गई। विजय नगर स्थित श्री ग्वाल भैरव कालका माता मंदिर में शुक्रवार को अष्टमी युक्त नवमी पर माता को 11 हजार रसगुल्ले का भोग लगाया जाएगा। इस मौके पर सभा मंडप को फूलों से सजाकर, हलवे और चने का भोग भी लगेगा।