
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बगैर किसी अपराध के एक इंजीनियर को 30 घंटे तक थाने में बैठाकर रखने को लेकर हाई कोर्ट ने चंदन नगर पुलिस थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने उन्हें 26 नवंबर 2025 से 27 नवंबर की रात 11.30 बजे तक के पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज के साथ चार दिसंबर को उपस्थित होने के लिए कहा है। चंदन नगर पुलिस थाने में संजय दुबे नामक व्यक्ति के खिलाफ एक नाबालिग ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी।
पुलिस ने 12 नवंबर को दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बाद से वह गायब है। पुलिस ने आरोपित पर दबाव बनाने के लिए उसके बेटे राजा को 26 नवंबर शाम को सैलून से उठा लिया और अगले दिन 27 नवंबर की रात 11.30 बजे तक उसे हिरासत में रखा। इस दौरान उसे हथकड़ी लगाकर रखी गई। बगैर अपराध राजा को उठाने और बगैर अपराध उसे हथकड़ी लगाकर रखने के मामले में राजा के रिश्तेदार ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका प्रस्तुत की।
इसकी सूचना लगते ही पुलिस ने राजा को छोड़ दिया। याचिका पर 28 नवंबर को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता ने बगैर अपराध 30 घंटे तक हिरासत में रखने की बात रखी। इस पर सरकारी वकील से कहा था कि वे हिरासत अवधि के सीसीटीवी फुटेज के साथ चंदन नगर पुलिस थाना प्रभारी से स्पष्ट जवाब लें। शासकीय वकील ने कोर्ट में कहा कि राजा को हिरासत में नहीं लिया गया था। हाल में हुई सुनवाई में नाबालिग के मामले की जांच कर रही जांच अधिकारी एसआइ कोर्ट में उपस्थित हुई।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि राजा से केवल पूछताछ जाना थी, इसलिए उसे थाने लाया गया था। जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि जिस दिन राजा को पूछताछ के लिए लाया गया था वे अवकाश पर थीं। इस पर कोर्ट ने थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को चार दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से सीसीटीवी फुटेज के साथ कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया।