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नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में लापरवाही का सिलसिला थम नहीं रहा है। चूहों के घटनाक्रम के बाद अब एमवायएच के मेडिसिन विभाग में भर्ती कबड्डी खिलाड़ी रोशनी सिंह को एक्सपायरी एंटीबायोटिक चढ़ाने का गंभीर आरोप सामने आया है। एक वीडियो में दावा किया गया है कि अगस्त में समाप्त हो चुकी दवा मरीजों को दी गई। हालांकि फिलहाल रोशनी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है और अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है।
रोशनी सिंह (27) को 12 नवंबर को पेट में एसिटिक फ्लूइड की दिक्कत के कारण वार्ड नंबर 21 में भर्ती किया गया था। उनके पति सागर सिंह ने बताया कि ड्रिप लाइन पर लगी सिप्रो की वायल पर एक्सपायरी डेट बीत चुकी थी। जब उन्होंने नर्सिंग स्टाफ से इस बारे में बात की तो जवाब मिला कि “एक्सपायरी होने से कुछ नहीं होता।” आरोप है कि यही दवा अन्य मरीजों को भी दी जा रही थी। विशेषज्ञों के अनुसार एक्सपायरी दवाएं देना गंभीर लापरवाही है, इससे दवा का प्रभाव खत्म हो सकता है या मरीज को दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।
इस मामले में डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसे गंभीर बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही और कलेक्टर से चर्चा करने की घोषणा की।
सागर सिंह ने यह भी बताया कि शिकायत करने पर नर्स ने वायल तुरंत हटा दी। अधिकारियों द्वारा सबूत मांगे जाने पर उन्होंने वीडियो दिखाया। उनका कहना है कि वीडियो न होने पर उन्हें ही गलत ठहराया जाता।
चार माह पहले रोशनी की डिलिवरी हुई थी और तभी से पेट में पानी भरने की समस्या बनी हुई है। आर्थिक तंगी का जिक्र करते हुए सागर ने कहा कि सरकारी अस्पताल पर भरोसा किया था, लेकिन यहां एक्सपायरी दवाएं तक चढ़ा दी गईं।
वार्ड में तीन महीने से एक्सपायरी दवाएं रखी थीं, जिनकी किसी ने जांच तक नहीं की। न स्टोर इंचार्ज और न ही ड्यूटी डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ ने स्थिति पर ध्यान दिया। इससे पहले भी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एक्सपायरी दवाएं मिलने पर अधीक्षक को हटाया गया था। अब एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं वार्ड में दिखाई दे रही हैं।
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वर्तमान में मरीज स्वस्थ है, किसी भी तरह की दवाई का प्रतिकुल प्रभाव मरीज पर नहीं हुआ है। मामले में एक जांच कमेटी भी बनाई है।
- डा. अशोक यादव, अधीक्षक, एमवायएच