नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मजदूर उमेंद्र ठाकुर की मौत के मामले में आजाद नगर पुलिस की किरकिरी हो गई। एसआइ धर्मेंद्र राजपूत की बातों से उमेंद्र के परिजन भड़क गए और शव थाने में रख दिया। करीब पांच घंटे तक बहस चलती रही। अफसरों के पहुंचने पर स्थिति संभली और शव रवाना करवाया। शिवनगर निवासी उमेंद्र पुत्र महाराजसिंह की गार्ड रामअवतार लोधी निवासी मयूरनगर, बहादूर लोधी, साहिल राजपूत निवासी पिपल्याहाना, राहुल पटेल निवासी मयूर नगर और सुजीत ने पीट कर हत्या कर दी थी। उमेंद्र पर लोहा चोरी का शक था।
बुधवार को शव का पोस्टमार्टम करवा कर स्वजन थाने जा पहुंचे। एसआइ धर्मेंद्र से कहा ठेकेदार पर भी कार्रवाई करो। एसआइ ने स्वजन ने अभद्रता की और कहा तुम ही पकड़ लो। इससे वो भड़क गए और शव थाना के अंदर रख दिया। करीब पांच घंटे तक बहस चलती रही। धर्मेंद्र पर आरोप लगाया कि वह अन्य आरोपितों को बचा रहा है। एडिशनल डीसीपी जोन-1 आलोक शर्मा के पहुंचने पर समझाईस दी।
काफी देर बाद शव उठाया और एम्बुलेंस में रखा। पुलिस ने ही ताबूत की व्यवस्था की और बर्फ रख कर शव भिजवाया। मामले में सुजीत की अभी भी तलाश चल रही है। चार आरोपितों को गुरुवार दोपहर कोर्ट पेश कर रिमांड पर लिया गया है। आरोपित गार्डों ने कहा कुछ दिनों से लोहा चोरी हो रहा था। उमेंद्र को मंगलवार रात चोरी की शंका में ही पकड़ा था। उसकी डंडो से पिटाई कर दी। अंदरुनी चोट के कारण उसकी मौत हो गई।
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