क्या है उज्जैन–इंदौर फोरलेन परियोजना, उज्जैन के सात जिले और इंदौर के 21 गांवों की उपजाऊ जमीन हो रही प्रभावित, विरोध में किसान
Indore-Ujjain greenfield four lane highway: उज्जैन–इंदौर ग्रीनफील्ड फोरलेन हाईवे परियोजना से प्रभावित किसानों ने मंगलवार को काले झंडे हाथों में लेकर व ...और पढ़ें
Publish Date: Thu, 18 Dec 2025 10:16:59 AM (IST)Updated Date: Thu, 18 Dec 2025 10:16:59 AM (IST)
उज्जैन–इंदौर फोरलेन परियोजना।HighLights
- प्रभावित किसानों ने काले झंडे लेकर वाहन रैली निकाली
- हाईवे को ग्राउंड लेवल पर बनाए जाने की कर रहे मांग
- हाईवे की कुल लंबाई 48.10 किमी, लागत 2,935 करोड़
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। उज्जैन–इंदौर ग्रीनफील्ड फोरलेन हाईवे परियोजना से प्रभावित किसानों ने मंगलवार को काले झंडे हाथों में लेकर वाहन रैली निकाली। किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में निकली रैली सुबह 10.30 बजे लिम्बापिपलिया गांव से शुरू हुई।
रैली गोंदिया, हासमपुरा, पालखेड़ी, चांदमुख, दाउदखेड़ी, चिंतामण गणेश और शांति पैलेस चौराहा होते हुए फ्रीगंज स्थित मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के संभागीय कार्यालय पहुंची। यहां किसानों ने एमपीआरडीसी के प्रबंधक गगन भाबर को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया।
क्या कहना है किसान संघ का?
किसान संघ के राजेश सिंह सोलंकी ने बताया कि इस ग्रीनफील्ड फोरलेन परियोजना से उज्जैन जिले के सात और इंदौर जिले के 21 गांवों की लगभग 1400 बीघा उपजाऊ कृषि भूमि प्रभावित हो रही है। किसानों का कहना है कि हाईवे को प्रस्तावित एलिवेटेड या ऊंचे ढांचे के बजाय ग्राउंड लेवल पर बनाया जाए, ताकि गांवों की आपसी कनेक्टिविटी बनी रहे और खेती, पशुपालन व स्थानीय आवागमन बाधित न हो।
क्या है ये योजना
उज्जैन–इंदौर ग्रीनफील्ड हाईवे की कुल लंबाई 48.10 किलोमीटर है और इसकी अनुमानित लागत करीब 2,935 करोड़ रुपये बताई गई है। परियोजना में चार मुख्य लेन, दोनों ओर सर्विस लेन, 34 अंडरपास, दो फ्लाईओवर और एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है।
उज्जैन से इंदौर की 30 मिनट में तय होने का दावा
परियोजना पूरी होने के बाद उज्जैन से इंदौर की दूरी मात्र 30 मिनट में तय होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन किसान विकास के नाम पर अपनी उपजाऊ जमीन और आजीविका से समझौते को तैयार नहीं हैं।
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इस मांग पर अड़े हैं किसान
उज्जैन–इंदौर फोरलेन प्रभावित किसानों की ही तरह उज्जैन–जावरा फोरलेन परियोजना से प्रभावित 62 गांवों के किसान भी समान मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। दो दिन पहले सोमवार को इन किसानों ने दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक एमपीआरडीसी कार्यालय पर धरना दिया था। यह धरना 31 दिसंबर तक समाधानपूर्ण निर्णय लिए जाने के आश्वासन के बाद समाप्त हुआ।