नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की अनुशासन समिति ने होस्टल से रात में बाहर जाने और कैमरे-डीवीआर तोड़ने की घटनाओं की जांच पूरी कर ली है। समिति ने पाया कि फर्स्ट ईयर के चार छात्रों ने होस्टल की खिड़की तोड़कर बाहर गए और घंटे भर बाद वापस आए है। इस आधार पर समिति ने सिफारिश की है कि इन छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। समिति की तरफ से होस्टल से निष्कासित किया जाए और एक सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित करने की सिफारिश की गई है। साथ ही विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी बुलाया है। जबकि कैमरे और डीवीआर तोड़ने की जिम्मेदारी किसी भी छात्र ने नहीं ली। इसके चलते समिति ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी है। वहीं जूनियर को कैफे में बुलाकर धमकाने मामले में एंटी रैगिंग कमेटी बुलाने पर जोर दिया है।
पिछले मंगलवार को आइईटी के फाइनल ईयर छात्रों ने जूनियर्स को कैंपस के बाहर कैफे में बुलाकर धमकाया था। सीनियर्स ने जूनियर्स से कहा था कि होस्टल की गतिविधियों की जानकारी शिक्षकों या समिति तक न पहुंचाई जाए। साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा हुआ तो उन्हें आयोजन और खेल समिति से बाहर कर दिया जाएगा। इस मामले की सूचना न तो आइईटी प्रबंधन ने दी और न ही होस्टल प्रशासन की तरफ से वरिष्ठ अधिकारियों को बताया गया। तीन दिन तक मामला दबाए रखा गया। बाद में जब शुक्रवार को अनुशासन समिति ने जांच शुरू की तो गुरुवार देर रात की घटना भी सामने आई, जिसमें कुछ जूनियर छात्रों ने खिड़की तोड़कर बाहर जाने की बात स्वीकारी। विद्यार्थियों के अलग-अलग बयान चार फर्स्ट ईयर छात्रों से पूछताछ में तीन ने बाहर जाने का कारण चाय पीना बताया। जबकि एक ने भोजन करना बताया। विद्यार्थियों के बयान पर समिति को भरोसा नहीं हो रहा है, क्योंकि एक-दूसरे से इनके बयान मेल नहीं खाते है।
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डीएवीवी चीफ वार्डन डॉ. जीएल प्रजापति ने कहा कि दरअसल सीनियर्स के कहने पर बाहर गए थे। हालांकि छात्रों ने सीनियर्स के नाम बताने से साफ इनकार किया। कैफे बुलाने के मामले में भी जूनियर्स ने किसी सीनियर का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्हें व्हाट्सएप मैसेज के जरिए बुलाया गया था। कुलगुरु को सौंपी रिपोर्ट अनुशासन समिति की रिपोर्ट कुलगुरु डा. राकेश सिंघई को सौंपी गई है, जिसमें होस्टल के बाहर जाने वाले विद्यार्थियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें चार विद्यार्थियों के नाम रिपोर्ट में उल्लेख कर दिए है। सीसीटीवी-डीवीआर तोड़ने वाले मामले में अब पुलिस जांच करेंगी।