
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आयकर और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के नाम से करदाताओं के पास अब फर्जी नोटिस पहुंच रहे हैं। इंदौर और आसपास की कई फर्मों, कंपनियों और बड़े करदाताओं के ई-मेल पर बीते दिनों में ऐसे नोटिस पहुंचे हैं। ईमेल के साथ कागज पर टाइप किया नोटिस अटैच नजर आता है। नोटिस आयकर के चिन्ह वाले लैटरहेड पर होता है। आयकर विभाग की तर्ज पर इसमें विभागीय नोटिस नंबर (डीआइएन) करदाता की फर्म की जानकारी भी दर्ज होती है। साथ एक यूआरएल लिंक भी दी होती है जिस पर जवाब देने और दस्तावेज जमा करने का निर्देश लिखा होता है।
इंदौर में एक के बाद एक कई कंपनियों के पास ऐसे नोटिस पहुंचे हैं। ई-मेल पर नोटिस मिलने के बाद कंपनियां भी असली मानकर जवाब देने के लिए अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास भेज रही है। आशंका है कि कई करदाता और फर्मों ने अपने स्तर पर इनमें जवाब भी दे दिया।
दरअसल, नोटिस में आयकर अधिनियम की धारा 142(1) का उल्लेख कर करदाता को कहा जा रहा है कि उनके द्वारा दाखिल असेसमेंट वर्ष 2024-25 के इनकम टैक्स रिटर्न में विसंगती और कमियां पाई गई है। ऐसे में वे अपना जवाब पेश करे साथ में दस्तावेज भी ऑनलाइन दी गई लिंक पर भेजे। जवाब 12 नवंबर तक दाखिल नहीं करने पर आयकर अधिनियम की धारा 272(1)(सी) में कार्रवाई की जाएगी। इसमें जेल और प्रकरण दर्ज करने का प्रावधान भी है।
इस तरह के फर्जी ई-मेल आइटीडी के नाम से दर्ज ई-मेल एड्रेस से मिल रहे हैं। इसके पीछे ईमेल भेजने वाला का एड्रेस jane121980bobbyfp@outlook.com भी लिखा नजर आ रहा है। हालांकि कोष्ठक में लिखे इस एड्रेस पर करदाता का सामान्य तौर पर ध्यान नहीं जाता।
नोटिस के साथ अटैच दूसरे पन्ने पर एक यूआरएल दिया गया है। करदाता को निर्देश दिया गया है कि eportal.incometax.gov.in यूआरएल पर लॉग इन कर अपना जवाब व दस्तावेज दें। यूआरएल में इनकम टैक्स का नाम और गर्वेमेंट डाट इन का एक्सटेंशन देखकर करदाता भरोसा कर रहे हैं।
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चार्टर्ड अकाउंटेंट स्वप्निल जैन के अनुसार आयकर विभाग कभी भी किसी करदाता या कंपनी को ई-मेल पर नोटिस नहीं भेजता। यह बात ध्यान में रखकर करदाता और कंपनी ऐसी ठगी की कोशिश से बच सकते हैं। याद रखें कि आयकर के नोटिस सिर्फ विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर जारी होते हैं। वहां करदाता अपने पेन की एंट्री कर उन्हें देख सकता है।
इन फर्जी नोटिस के साथ दी जा रही लिंक भले ही आयकर के पोर्टल जैसी दिख रही है लेकिन यह फर्जी है। इस लिंक पर क्लिक करने पर किसी ओर सर्वर से जुड़ेंगे। यह सर्वर करदाता का डाटा चोरी करने के साथ सिस्टम भी हैक कर सकता है। लिहाजा करदाता किसी भी ई-मेल पर खुद जवाब देने की कोशिश न करें। पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट या आयकर विभाग में संपर्क करें।