नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एमवाय अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एनआईसीयू में जिस बच्ची को चूहे ने कुतरा था, उसकी मौत के बाद प्रशासन उसे लावारिस बता रहा था। माता-पिता से प्रसाशन ने बच्ची की मौत की जानकारी भी छुपाई। इसका खुलासा शनिवार को खुद बच्ची के पिता ने किया। नवजात के शव को परिवार को सौंप दिया, जैसे ही मां ने शव को देखा तो वह फफक पड़ी। उसे देखकर कहने लगी, नाजुक सी बच्ची की लापरवाही के कारण मौत हो गई।
शनिवार को नवजात के रुपापाड़ा निवासी माता-पिता को जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा और सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल समर्थकों के साथ लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया। सुबह 12 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन शाम छह बजे चला। इस दौरान बच्ची की मां मंजु बार-बार बेहोश हो रही थी।
इस दौरान अपर कलेक्टर रोशन राय, डीन डा. अरविंद घनघोरिया, अधीक्षक डा. अशोक यादव, पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी डा. ब्रजेश लाहोटी दो बार ज्ञापन लेने आए, लेकिन एक करोड़ रुपये के मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर पदाधिकारी अड़े रहे। इसके बाद पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक परिवार को सौंपा गया।
पिता देवाराम ने बताया कि 30 अगस्त को धार के जिला अस्पताल में बच्ची का जन्म हुआ। वहां से 31 सितंबर को उसे इलाज के एमवाय अस्पताल में रैफर किया। यहां ससुर के साथ बच्ची को लेकर पहुंचा। मेरे पास सिर्फ 200 रुपये थे, वह भी शासकीय एंबुलेंस चालक ने ले लिए। इसके बाद पीआईसीयू वार्ड में डॉक्टर ने मेरा नंबर लिखा और बताया कि फोन लगाएंगे।
अस्पताल प्रशासन ने कार्ड भी नहीं बनाया। इसके कारण वार्ड तक बच्ची की स्थिति भी नहीं जान पाया। जेब में एक रुपया भी नहीं थी, पत्नी धार जिला अस्पताल में भर्ती थी। इसके लिए उधार रुपये मांगकर वहां गया। बच्ची की मौत होने की जानकारी भी हमें नहीं दी गई। हमें शुक्रवार रात में जानकारी मिली।
यह भी पढ़ें- Indore के बाद Gwalior के इस अस्पताल में भी चूहों का आतंक, प्रसूति वार्ड भी नहीं सुरक्षित, नवजात बच्चों को खतरा
बच्ची की मां मंजु ने बताया कि मेरी बच्ची को न्याय मिलना चाहिए। बच्ची की तबीयत खराब थी, लेकिन चूहे के कुतरने से उसकी मौत हुई है। हमें बच्ची के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।