नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शासन द्वारा किए गए नगर निगम के उपयंत्रियों के ट्रांसफर खतरे में हैं। निगम में जोनल अधिकारी, भवन अधिकरी बनकर बैठे उपयंत्रियों के ट्रांसफर आदेश को एक सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अब तक इन अधिकारियों को रिलीव नहीं किया है। फायदा उठाकर ये उपयंत्री न्यायालय में याचिका दायर कर शासन के आदेश को चुनौती दे रहे हैं।
एक उपयंत्री द्वारा शासन के आदेश पर स्टे लेने के बाद अब बाकी उपयंत्रियों ने भी याचिका दायर करने की तैयारी कर ली है। इधर हाईकोर्ट से ट्रांसफर आदेश निरस्त करवा लाने वाले शैलेंद्र मिश्रा का दोबारा ट्रांसफर कर दिया गया है। इस बार उन्हें खंडवा भेजा गया है। मिश्रा को पहले शासन ने सिंगरौली भेजा था, लेकिन उन्होंने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने याचिका स्वीकारते हुए ट्रांसफर आदेश निरस्त कर दिया था।
पीयू-4 में चार मंजिला इमारत जमींदोज करने के बाद निगम में उपयंत्रियों के ट्रांसफर का दौर शुरू हुआ। अब तक 15 से ज्यादा उपयंत्रों के ट्रांसफर आदेश जारी हो चुके हैं, हालांकि इनमें से एक को भी अब तक रिलीव नहीं किया गया है। ये उपयंत्री इंदौर में जोनल अधिकारी, भवन अधिकारी जैसी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पीयू-4 में चार मंजिला इमारत जमींदोज करने के मामले में निगम के अधिकारियों की भूमिका को लेकर उठे सवाल पर कैबिनेट मंत्री और महापौर भी नाराजगी जता चुके हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद ही उपयंत्रियों के ट्रांसफर का दौर शुरू हुआ। हालांकि, ट्रांसफर आदेश जारी होने के बावजूद उपयंत्रियों को रिलीव नहीं करना निगम के अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहा है।