ब्राउन फील्ड क्लस्टर योजना में प्रदेश के पांच जिले शामिल होने के बावजूद सिर्फ एक कंपनी आगे आई
इंदौर।
सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में प्रदेश का नाम राष्ट्रीय पटल पर तेजी से उभर रहा है, लेकिन हार्डवेयर क्षेत्र में काफी पिछड़ापन है। हार्डवेयर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और मौजूदा कंपनियों को कारोबारी विस्तार के लिए विशेष सुविधाएं और रियायतें देने के उद्देश्य से प्रदेश के पांच जिलों इंदौर, देवास, धार, भोपाल और रायसेन को 'ब्राउन फील्ड क्लस्टर' के रूप में अधिसूचित किया गया है। इसके बावजूद अब तक सिर्फ एक कंपनी ने ही इस योजना में रुचि दिखाई है। दूसरी ओर इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (ईएमसी) पार्क का निर्माण किया जाना है। केन्द्र सरकार की 50 फीसदी और राज्य व उद्योगों की 25-25 फीसदी हिस्सेदारी से बनने वाले इन हार्डवेयर पार्कों में से भोपाल और जबलपुर के पार्क को मंजूरी मिल गई है, जबकि इंदौर और ग्वालियर पार्क का मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में है।
सिर्फ एक आवेदन
जिन जिलों को अधिसूचित किया गया है, उनमें प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर और मंडीदीप आते हैं। इसके बावजूद मात्र एक कंपनी मंडीदीप स्थित क्रॉम्प्टन एंड ग्रीव्ज ने ही आवेदन दिया है। प्रदेश में इंदौर, भोपाल सहित अन्य स्थानों पर करीब 100 कंपनियां आईटी और हार्डवेयर क्षेत्र में सक्रिय हैं। बावजूद इसके अभी तक कंपनियां आगे नहीं आ पाईं हैं। आईटी जानकारों का कहना है कि इसकी एक बड़ी वजह योजना का प्रचार-प्रसार न होना भी है।
लाभ ही लाभ
मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) के अनुसार, योजना के तहत चुने गए क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और निर्माण (ईएसडीएम) को प्रोत्साहित करने के लिए मॉडीफाइड स्पेशल इन्सेंटिव पैकेज स्कीम (एम-सिप्स) का लाभ मिलता है। एम-सिप्स में सभी नई ईएसडीएम यूनिटों की स्थापना तथा मौजूदा यूनिटों की क्षमता के विस्तार, आधुनिकीकरण और विविधिकरण के लिए किए गए निवेश पर 25 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही पूंजीगत व्यय के लिए आयात व आबकारी शुल्क की शत प्रतिशत वापसी की जाएगी।
क्या है ईएसडीएम यूनिट
ईएसडीएम यूनिट वे हैं जो इलेक्ट्रॉनिकी और सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों तथा सूचीबद्ध सहायक पुर्जों के डिजाइन और विनिर्माण का काम करती हैं। इसमें इन उत्पादों के विकास और कच्चे माल से लेकर सहायक पुर्जों के विनिर्माण में शामिल वैल्यू चेन के सभी चरण शामिल हैं, जिनमें असेम्बल, परीक्षण और पैकेजिंग भी आते हैं। इसके तहत मोबाइल सेट सहित टेलीकॉम उपकरण, ऑटो-इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी हार्डवेयर, बॉयोमेट्रिक/पहचान डिवाइस, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सहित 20 से अधिक उत्पाद शामिल हैं।
धीरे-धीरे आ रहे हैं
ब्राउन फील्ड क्लस्टर योजना 5 जिलों में लागू है, लेकिन सिर्फ एक कंपनी ने इसमें रुचि दिखाई है। प्रदेश में हार्डवेयर उद्योग के प्रति लोग धीरे-धीरे आकर्षित हो रहे हैं। - एलके तिवारी, एडिशनल सीजीएम, मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन