नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। दशहरे पर रावण के साथ सोनम रघुवंशी का पुतला जलाने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। पौरुष नामक संस्था ने महालक्ष्मी नगर के मेला ग्राउंड पर विजयादशमी के अवसर रावण के रूप में सोनम रघुवंशी का पुतला जलाने की घोषणा की थी। सोनम उस दौरान चर्चा में आई थी जब शिलांग में हनीमून के दौरान उसके पति राजा की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में सोनम प्रमुख आरोपित है।
सोनम की मां ने खटखटाया था दरवाजा
पुतला दहन के ताजा ऐलान के बाद सोनम की मां संगीता रघुवंशी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने कहा कि सोनम का पुतला जलाना उसके व उसके स्वजनों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा। लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे किसी कृत्य की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसी के साथ कोर्ट ने विजयादशमी के आयोजन में रावण के अलावा अन्य किसी भी व्यक्ति का पुतला दहन करने पर रोक लगा दी है।
इंदौर में रावण दहन की घोषणा के साथ पौरुष संस्था के आयोजनकर्ताओं ने कहा था कि पुतले के 11 सिर बनने की योजना बनाई है। हर सिर या चेहरे पर इंदौर की सोनम रघुवंशी के साथ फिरोजाबाद, मेरठ, राजस्थान, बेंगलुरु, देवास, द्वारका की ऐसी महिलाओं का चेहरा लगाया जाएगा, जिन पर प्रेमी के साथ मिलकर या अलग-अलग तरीके से पति की हत्या करने या आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप हैं।
कोर्ट ने क्या कहा
सोनम की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि पुतला जलाना उनके परिवार के लिए सार्वजनिक प्रताड़ना जैसा होगा। सोनम पर भले ही आपराधिक प्रकरण दर्ज है लेकिन मामला कोर्ट में है और वह दोषी साबित नहीं हुई है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि ऐसा करना लोकतांत्रिक रूप से पूरी तरह अस्वीकार्य होगा। भले ही किसी पर आपराधिक केस हो लेकिन उसका पुतला जलाना, उसकी छवि को सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुंचाना, संविधान और कानून के विरुद्ध है। साथ ही कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर व अन्य जिम्मेदारों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे आयोजन को रोकने के लिए उचित व्यवस्था करें।