By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Mon, 31 Oct 2022 09:19:03 AM (IST)
Updated Date: Mon, 31 Oct 2022 09:19:03 AM (IST)
Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रिंग रोड और मूसाखेड़ी चौराहे से वार्ड 51 का दायरा शुरू होता है। नगर निगम के रिकार्ड में जोन 18 के अंतर्गत आने वाले इस वार्ड को भगवती नगर वार्ड कहा जाता है। रामनगर से शुरू होकर शाहीन नगर, चौधरी पार्क, शिवनगर, आलोक नगर, विराट नगर, अभिषेक नगर, शिवदर्शन नगर, कृष्णपुरी कालोनी, कमल नगर, अभिलाषा नगर, बाबुल नगर और नेमावर रोड से लगा हिस्सा भी इसी वार्ड में शामिल है। 19,700 मतदाता वाले इस वार्ड में करीब 80 हजार लोग निवास कर रहे हैं।
रिंग रोड से वार्ड 51 में दाखिल होते ही समस्याएं नजर आने लगती हैं। सर्विस रोड से लगे हिस्से में शनि मंदिर के पास बड़े-बड़े गड्डे हैं। नगर निगम को पैचवर्क का समय भी नहीं मिल पा रहा। राम नगर में लोग पीने के पानी और ड्रेनेज से फैल रही गंदगी से परेशान नजर आते हैं। शाहीन नगर की सड़कों पर कालोनी के रहवासी देवेंद्र यादव खुद ही सड़क खोदकर पीने के पानी की लाइन के टूटे पाइप को जोड़ने की कोशिश करते नजर आते हैं। अगली कालोनी चौधरी पार्क में रहने वाला शर्मा परिवार कहता है इस क्षेत्र में रहकर तो दुखी हो गए हैं। बरसात में भी पीने के पानी के लाले पड़ गए थे।
एक-दो कालोनियों की बात नहीं पूरे वार्ड में समस्याओं का अंबार है। पीने का पानी सबसे बड़ी समस्या बनता दिख रहा है। अभिषेक नगर, शिवनगर से लेकर शाहीन नगर के पीछे बहता नाला नगर निगम, अधिकारी और क्षेत्रीय नेताओं के दावों की पोल खोल रहा है। क्षेत्र के रहवासी नाले के पास ले जाकर वहां लगे दो खंबे दिखाते हैं। दरअसल ये दो खंबे नगर निगम की नाकामी की भी पोल खोल रहे हैं। हैंडबाल मैच के लिए नाले के भीतर ये खंबे गाड़े गए थे। क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया के साथ निगमायुक्त प्रतिभा पाल और अधिकारियों ने यहां पर मैच में हिस्सा लिया और बिगुल भी बजाया था कि नाले अब साफ होकर खेल का मैदान बन गए हैं।
हालांकि अब हाल ये है कि नाले में सीवरेज का पानी बह रहा है। गाद और गंदगी जमा है। लोग कहते हैं नाला टेपिंग पर अफसरों ने जो करोड़ों रुपये खर्च किए उसकी बजाय यह पैसा कालोनी में ड्रेनेज लाइन और पीने के पानी की व्यवस्थाओं को सुधारने पर खर्च कर दिया जाता तो रहवासियों का जीवन स्तर सुधर जाता।
निगम के पास बहाना
इस वार्ड में लगभग सभी कालोनियां अवैध रूप से बसी हुई हैं। वर्षों पहले बस चुकी इन कालोनियों में यूं तो सीमेंटेड रोड बन गई, ड्रेनेज लाइन भी डाली गई और पीने की लाइन भी बिछी है लेकिन सब बदहाल हो चुकी है। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के तहत वित्तीय मदद दिलाकर और एक संस्था बनाकर वर्षों पहले क्षेत्र की पानी और जल-मल निकासी व्यवस्था करने का जिम्मा प्रशासन ने सौंपा था। अब नगर निगम कह रहा है कि क्योंकि क्षेत्र में जलापूर्ति की व्यवस्था संस्था के पास है, संस्था ही क्षेत्र से पानी का बिल वसूलती है। नगर निगम तो उन्हें नर्मदा जल बल्क सप्लाई करता है। ऐसे में जब तक व्यवस्था नगर निगम के अधीन नहीं आती हम कुछ नहीं कर सकते। कुल मिलाकर निगम जिम्मेदारी से बचता दिख रहा है।
बोले रहवासी...मुश्किल से पानी मिल पाता है
नर्मदा लाइन बिछी है लेकिन मुश्किल से पीने का पानी मिल पाता है। बीते दिनों विधायक से मिलकर भी शिकायत कर चुके हैं। निराकरण होता नहीं दिख रहा। यहां रहते-रहते अब काफी परेशान हो चुके हैं। - देवेंद्र यादव, रहवासी
पीने के पानी की समस्या से पूरे क्षेत्र के लोग बेहाल हैं। लोगों ने मजबूरी में बोरवेल करवाना शुरू कर दिया है। उसके बाद भी पानी मुश्किल से निकलता है। समस्या कब दूर होगी पता नहीं। कई बार शिकायत करने के बाद भी हल नहीं मिल रहा। - रेणुका चांदोरे, रहवासी
कालोनी में रहकर दुखी हो गए। नल में पानी आता है तो दो बाल्टी पानी भी मुश्किल से मिल पाता है। पार्षद कटारियाजी तो आते नहीं। पहले जो पार्षद थे कम से कम टैंकर तो भेज देते थे लेकिन अब तो रहना मुश्किल हो गया है। -अंबिका शर्मा, रहवासी
कहने के लिए ड्रेनेज की नई लाइन डाली लेकिन घरों की पुरानी लाइन को उससे मिलाया नहीं। गंदे पानी की निकासी नहीं हो रही। आधा जमीन में जा रहा है। इसी के कारण नलों में भी दूषित पानी आता है। यहां-वहां से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। - कमल यादव, रहवासी
शाहीन नगर से चौधरी पार्क की गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं है। दीपावली और छठ पूजा जैसे बड़े त्योहार में अंधेरे में महिलाओं को निकलना पड़ता है। समस्या के बारे में कई बार निगम में श्ािकायत की लेकिन कोई नहीं सुनता। - उषा यादव, रहवासी
क्षेत्र में जिन खंबों पर स्ट्रीट लाइट लगी है वे 24 घंटे जलती रहती है। एक ओर नगर निगम जरूरी काम के लिए पैसा खर्च नहीं करता दूसरी ओर बिजली की बर्बादी कर पैसा व्यर्थ किया जा रहा है। समस्या कब हल होगी पता नहीं। - निहाल कुमार, रहवासी
अभिषेक नगर से चौधरी पार्क की मुख्य रोड पर अवैध पार्किंग बन गई है। माल वाहक गाड़ियां लोग खड़ी कर जाते हैं। किसी का ध्यान नहीं और क्षेत्र के रहवासी परेशान हैं। कई बार यहां दुर्घटना भी हो जाती है। - अजय यादव, रहवासी
गंदे पानी की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में करते हैं तो निगम के कर्मचारी आते हैं। पहले शिकायत वापस लेने का बोलते हैं फिर सुधार करने की बात कहते हैं। हम शिकायत वापस लेते हैं लेकिन वे समस्या दूर नहीं करते। -किरण कुमार मेहरा, रहवासी
पूरा शिवनगर गंदगी से परेशान है। सफाई की व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी की किल्लत तो हर कोई झेल रहा है। कभी लाइन फूटने की बात कही जाती है तो कभी कुछ। पार्षद कभी आते नहीं। हमारी समस्या कौन हल करेगा। - संदीप कटारिया, रहवासी
अधिकारी बोले... निगम को हैंडओवर नहीं
इस क्षेत्र की समस्या अलग है। दरअसल पानी की आपूर्ति की व्यवस्था संस्था के पास है। नगर निगम बल्क आपूर्ति कर रहा है। सोसायटी से जब तक निगम को हैंडओवर नहीं होता तब तक पानी की समस्या का निदान करना हमारे हाथ में नहीं है। हम उस दिशा में कोशिश कर रहे हैं।
- योगेश जोशी, इंजीनियर, नगर निगम
जनप्रतिनिधि बोले...
पांच कालोनियां पानी की कमी से परेशान हैं। दरअसल काफी पहले कलेक्टर ने डूडा की मदद से टंकी बनवाकर संस्था को जलापूर्ति का काम सौंपा था। उस संस्था में मैं भी था। वह स्वयं सहायता समूह की तरह संस्था महिलाओं के हवाले है। ऐसे में काम करवाना मुश्किल होता है। फिलहाल हम एक बोरिंग से पानी की लाइन डालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पूर्व पार्षद अडंगा डाल रहे हैं। वापस नगर निगम को सौंपने की कोशिश है। जहां तक नाले में गंदगी की बात है तो सब जानते हैं कि नाला टेपिंग का काम पूरे शहर में खराब ही हुआ है। ड्रेनेज लाइन डालने वाली लक्ष्मी कंपनी से मेरा रोज झगड़ा हो रहा है।
- मलखानसिंह कटारिया, पार्षद
खुद अवैध कालोनी काटते हैं पार्षद
पूरे वार्ड में अवैध कालोनियां हैं और खुद पार्षद और उनके कार्यकर्ता अब भी अवैध कालोनियां काट रहे हैं। विराट नगर और आसपास जमीनों पर कब्जे को लेकर पालीवाल समाज भी कलेक्टर को लिखित शिकायत कर चुका है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री क्षेत्र में बोलकर गए थे कि मैं काम करवाऊंगा लेकिन जनता नारकीय परिस्थितियों मेें जी रही है। इच्छाशक्ति हो तो महीनेभर में सारे काम हो सकते हैं। कोई योजना नहीं बनती और कोई मैदान में निकल कर काम नहीं करना चाहता। चुनाव पैसों से हो रहे हैं।
- छोटे यादव, कांग्रेस नेता