विनय यादव, इंदौर। शिक्षक नगर से बड़ा गणपति तक नशे में धूत ड्राइवर ने 20 से अधिक लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। नो एंट्री में ट्रक ने प्रवेश कर घटना को अंजाम दिया। जिसने पुलिस प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल दी है। इस घटना को लेकर शहरवासियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। इस आक्रोश को सोशळ मीडिया पर बयां कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सहित तमाम नेताओं द्वारा इस संबंध में की गई पोस्ट पर भी लोगों ने टिप्पणी की है।
इसके अलावा घटना के बाद जब घायलों को अस्पताल लेकर पहुंचे थे, वहां भी लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस सिर्फ चालान वसूलने का कार्य करती है। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया पर लिखा कि इस हादसे के लिए केवल प्रशासन जिम्मेदार है। नो हेलमेट, नो पेट्रोल नियम बना रखा है। इंदौर में ऐसी कोई सड़क नहीं, जहां जाम ना हो। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ चालान बनाने में व्यस्त रहती है।
- पुलिस वाले चौराहों पर चालान काटने में व्यस्त रहते हैं। चाणक्यपुरी से राजीव प्रतिमा तक दो किमी में चार चेकिंग प्लाइंट है। लोगों को आतंकवादी जैसे दबोचते हैं। ट्रक कैसे घुस गया, बस हेलमेट लगाना जरूरी।
- पुलिस वालों को चालान वसूली और बदसलूकी करने के अलावा कोई काम नहीं है।
- लोगों की जान इतनी सस्ती नहीं कि 500-1000 रूपये की रिश्वत पर वाहनों को मारने के लिए छोड़ दिए।
- सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को आम जनता को लूटने में लगा दिया।
- चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों पर आत्महत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
- मप्र में बढ़ती शराब दुकानें भी सड़क हादसों का कारण है।
- अधिकांश गाड़ियों के ड्राइवर शराब पीकर वाहन चलाते हैं।
- इंदौर में मेट्रो के बजाय ट्रैफिक में सुधार करों।
- एमवाय अस्पताल में चूहाकांड के बाद एक ओर काला अध्याय।
- नकारा प्रशासन को सुध नहीं जनता की।
- मुख्यमंत्री जी इंदौर के अधिकारी सभी भ्रष्टाचार में लिप्त है, आपके प्रभार जिले में।
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