
Indore Amit Jaldhari Column: अमित जलधारी, इंदौर, नईदुनिया। पिछले दिनों केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुरेंद्रकुमार बागड़े इंदौर आए। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि. के चेयरमैन होने के नाते उन्होंने इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की। बतौर चेयरमैन यह उनका पहला मध्य प्रदेश दौरा था। प्रदेश के अफसरों के सामने परेशानी यह थी कि इंदौर में मेट्रो के नाम पर कुछ काम तो हुआ नहीं है, तो फिर साहब को दिखाएं क्या। यही वजह रही कि इंदौर मेट्रो के प्रेजेंटेशन के दौरान भोपाल के कुछ फोटो दिखाने पड़े। यह सब खुद अफसरों को अजीब लग रहा था, लेकिन और कोई विकल्प नहीं था। मेट्रो रेल कंपनी के अफसरों ने साहब को इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट का निरीक्षण भी इसी कारण नहीं कराया। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी के एक वरिष्ठ अफसर ने इस संबंध में कहा कि इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट ने तो नाक कटा रखी है, इसलिए भोपाल के फोटो से काम चलाया गया।

कंट्रोल रूम में नाग देवता की आमद
लगातार तेज बारिश कभी-कभी नाग देवता को भी परेशान कर देती है। पिछले हफ्ते हुई तेज बारिश में इसका नजारा नेहरू पार्क स्थित उद्यान विभाग के कंट्रोल रूम में दिखा, जब वहां अचानक नाग देवता शरण लेने पहुंच गए। जैसे ही नाग देवता पर वहां मौजूद कर्मियों की नजर पड़ी, उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। पहले तो उन्हें कोई सूझ-समझ नहीं पड़ी, लेकिन तभी याद आया कि चिड़ियाघर में सांप पकड़ने वाले कर्मी भी हैं। सेट पर सूचना मिलते ही निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कर्मी भिजवाया। बहरहाल, नाग देवता को कंट्रोल रूम का माहौल ज्यादा पसंद नहीं आया और उन्होंने थोड़ी देर में वहां से रास्ता नाप लिया। जब तक सांप पकड़ने वाला कंट्रोल रूम पहुंचा, तब तक नाग देवता जा चुके थे। अधिकारियों ने बताया कि कंट्रोल रूम के पास विभाग की नर्सरी है, जहां अकसर सांप देखे जाते हैं।
होटल नहीं, रेस्ट हाउस में रुके केंद्रीय अधिकारी
सामान्यत: प्रदेश या केंद्र सरकार के आला अफसर सरकारी रेस्ट हाउस में रुकना अपनी तौहीन समझते हैं, पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुरेंद्रकुमार बागड़े ने इंदौर में इस मामले में अनूठा उदाहरण पेश किया। पहले स्थानीय अफसरों को खबर थी कि वे विजय नगर क्षेत्र के एक बड़े होटल में रुकने वाले हैं, लेकिन बाद में पता चला कि साहब तो रेसीडेंसी स्थित सरकारी रेस्ट हाउस में रुके हैं। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय अफसरों ने उनसे सितारा होटल में रुकने का बहुत आग्रह किया, क्योंकि रेसीडेंसी कोठी में सुधार और नवीनीकरण कार्य हो रहा था। बागड़े नहीं माने और परिवार के साथ रेस्ट हाउस में ही ठहरे। स्थानीय बड़े अफसरों पर भी अतिरिक्त सचिव की सादगी ने प्रभाव छोड़ा और वे आपस में इसकी चर्चा करते रहे। इंदौर में प्रोजेक्टों की समीक्षा के बाद बागड़े मांडू भी घूमने गए।
चलो बुलावा आया है...
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपनी बातों और वादों को लेकर कितने गंभीर रहते हैं, इसका अंदाजा ताजा उदाहरण से लगाया जा सकता है। 11 अगस्त को गडकरी ने नई दिल्ली में मध्य प्रदेश की राजमार्ग परियोजनाओं के संबंध में हुई बैठक में इंदौर को लेकर अलग से बैठक करने की बात कही थी। उनका कहना था कि इंदौर में बहुत पोटेंशियल है और वहां पर्याप्त ध्यान देने की जरूरत है। वादे के मुताबिक मंत्री ने इंदौर को लेकर 31 अगस्त को नई दिल्ली में बड़ी बैठक रखी है। नेशनल हाईवेज अथारिटी आफ इंडिया के स्थानीय अफसरों को बैठक का बुलावा आ गया है और उन्होंने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है। गडकरी खुद को लेकर अकसर यह कहते हैं, कि वे जो कहते हैं, वो करते हैं। इंदौर के प्रति गडकरी का प्रेम स्थानीय अफसर भी बखूबी जानते हैं, इसलिए वे भी सक्रियता दिखाने में कोई कोर-कसर नहीं रखते।