नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक में 86 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बैंककर्मी और उसके 12 स्वजन व परिचितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है। दरअसल, बैंककर्मी ने निष्क्रिय खातों से 61 बार में 86 लाख रुपये निकालकर रिश्तेदार, दोस्त और स्वयं के खातों में जमा करवा लिए थे। डीएसपी केएल दांगी के मुताबिक, घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच का है।
मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक झाबुआ शाखा सोंडवा की विजिलेंस अफसर सौरभ मराठे ने दर्ज कराई शिकायत में कहा था बैंक में निष्क्रिय बैंक खातों में जमा 86 लाख रुपये कर्मचारी मोहित गुप्ता ने निकाल लिए। मोहित ने यह ट्रांजेक्शन 61 बार में किया है। उसने करीब 25 लाख रुपये नकद भी निकाले हैं। डीएसपी के मुताबिक, बैंक में प्री और पोस्ट एंट्री होती है।
मोहित ने स्वयं और दूसरों की आइडी का उपयोग कर अलग-अलग तारीखों में ट्रांजैक्शन किया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपित ने कई खातों में रकम ट्रांसफर की। दरअसल, मोहित बैंक में वर्षों से कार्यरत है। वह ऐसे खातों की जानकारी निकाल लेता था, जिनमें वर्षों से लेनदेन नहीं हुआ है। उन खातों में स्वयं की आइडी से जमा राशि भी देख लेता था। बाद में उन्हें रिश्तेदार और परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर लेता था।
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