
नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। अंतरराष्ट्रीय बुलियन वायदा मार्केट में सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को देर रात सटोरियों की सक्रियता बढ़ती दिखी। इसके साथ अमेरिकी डालर में भी तेजी आई। इसके बाद सोने में फिर से लेवाली देखने को मिली। इसका असर हुआ कि कामेक्स पर सोना वायदा शुक्रवार देर रात 51 डालर उछलकर 4111 डालर प्रति और चांदी वायदा 35 सेंट बढ़कर 38.39 डालर प्रति औंस पर बंद हुई। हालांकि विदेशों में तेजी के बाद भी भारतीय सराफा बाजार में सोने-चांदी के दाम नहीं बढ़े।
क्योंकि पहले ही भाव ऊंचे हैं और कीमतें बीते दिनों में विदेशी बाजारों के अनुपात में नहीं घटी थी। इस बीच दीपावली बाद ग्राहकी भी बहुत सुस्त बनी हुई है। इंदौर में सोना केडबरी 124500 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी चौरसा 149500 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रही। ज्वेलर्स का मानना है कि लग्नसरा का सीजन सामने है।
ऐसे में दोनों कीमतीं धातुओं में तेजी का वातावरण आगे बनेगा तो वैवाहिक ग्राहकी प्रभावित होगी। अगर भाव स्थिर हो जाते है तो ग्राहकी का माहौल बन सकता है। हालांकि जानकार कह रहे हैं कि आने वाले समय में न केवल सोने की कीमत बढ़ेगी, बल्कि डालर भी कमजोर होगा।
अरबपति निवेशक रे डेलियो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि रूस की तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों से वैश्विक वित्तीय जगत में हलचल मच सकती है। इससे डालर कमजोर हो सकता है और सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। उन्होंने अतीत के ऐसे उदाहरणों का हवाला दिया जहां आर्थिक युद्ध ने वैश्विक मौद्रिक गतिशीलता को बदल दिया था।