Indore Master Plan: इंदौर के साथ पीथमपुर, देवास, उज्जैन को शामिल कर बनाएं रीजनल मास्टर प्लान
विकास योजना के लिए हुई बैठक, कई सुझाव आए। बैठक में मुख्य रूप से उद्योगिक क्षेत्र में जो अलग-अलग निवेश और विकास है, उसे विस्तार देने को लेकर चर्चा की गई।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Wed, 17 Apr 2024 11:14:50 AM (IST)
Updated Date: Wed, 17 Apr 2024 02:14:51 PM (IST)
इंदौर मास्टर प्लानHighLights
- इंदौर की विकास योजना के लिए मंगलवार को मप्र औद्योगिक विकास निगम परिसर में बैठक हुई।
- इंदौर के भविष्य की योजना को लेकर बैठक आयोजित की गई थी।
- इसमें ई-कामर्स यूनिट, गारमेंट यूनिट, बीग आइटी कंपनी, नए आइटी पार्क योजना आदि को लेकर चर्चा की गई।
Indore Master Plan नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर की विकास योजना के लिए मंगलवार को एमपीआइडीसी (मप्र औद्योगिक विकास निगम) परिसर में बैठक हुई। इसमें अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधि, विभागीय अफसर आदि मौजूद थे। इसमें इंदौर के औद्योगिक विकास योजना को लेकर कई सुझाव भी आए। सबसे प्रमुख सुझाव यह है कि इंदौर मास्टर प्लान की जगह रीजनल प्लान बनाया जाए, जिसमें इंदौर के साथ पीथमपुर, देवास, उज्जैन को भी शामिल किया जाएगा। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह मौजूद थे।
एमपीआइडीसी क्षेत्रीय कार्यकारी अधिकारी सपना जैन ने बताया कि
इंदौर के भविष्य की योजना को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। इसमें ई-कामर्स यूनिट, गारमेंट यूनिट, बीग आइटी कंपनी, नए आइटी पार्क योजना आदि को लेकर चर्चा की गई। बैठक में उद्योगिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए है। जो सुझाव आए हैं, उन पर काम शुरू किया जा रहा है। इसमें एमपीआइडीसी के अलावा प्रशासन, एनएचएआइ, आइडीए, टाउन एंड कंट्री आदि विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा। इसके दो माह बाद दोबारा बैठक आयोजित की जाएगी।
सुझाव को अमल में लाएंगे
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से उद्योगिक क्षेत्र में जो अलग-अलग निवेश और विकास है, उसे विस्तार देने को लेकर चर्चा की गई। ताकि इंदौर के विकास को नए आयाम तक पहुंचाया जा सकें। कई सुझाव आए है, जिसमें एयर कनेक्टीविटी बढ़ाने, पूर्वी और पश्चिमी रिंग रोड पर इंडिस्ट्रियल क्लस्टर, डेडीकेटेड टाउनशिप तैयार की जाए। मास्टर प्लान इंदौर शहर तक समिति रहता है, इसका विस्तार करते हुए रीजनल विकास योजना बनाई जाए, जिसमें पीथमपुर,
उज्जैन, देवास को इसमें शामिल किया जाए। जल्द इन सुझावों पर काम करना शुरू कर देंगे।
यह बोले उद्योगपति
एआइएमपी अध्यक्ष योगेश मेहता ने बताया कि मास्टर प्लान में प्रस्तावित शहर की प्रमुख सड़कों की भूमि को पहले सुरक्षित किया जाए। अभी जहां मेजर सड़के प्रस्तावित है, वे ज्यादातर क्षेत्र सरकारी कांकड़ वाली भूमि पर है। देखा जा रहा है कि इन सभी पर अतिक्रमण है। दो-चार झोपड़ियां या गुमटियां आगे लग जाती है, जो पीछे 100 एकड़ की जमीन का रास्ता बाधित कर रही है।
अभी से जमीनों को संरक्षित कर अतिक्रमण से मुक्त किया जाए। वर्ना आगे मास्टर प्लान पर अमल मुश्किल हो जाएगा। उद्योगपतियों ने यह भी सुझाव दिया कि आउटर रिंग रोड से जहां-जहां शहर की एंट्री प्लान में दी गई है, वहां पर छोटे-छोटे एमएसएमई क्लस्टर विकसित किए जाए। अभी शहर में करीब तीन हजार उद्योग हैं, जो अपने विस्तार के लिए जगह मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
आइटी पार्क में शुरू होगा उद्योग मित्र कार्यालय
अब तक कंपनी खोलने और निवेश के लिए आने वाले उद्योगपतियों को कई तरह की अनुमति लेना होती है। जिसके कुछ कार्यालय प्रदेश के अन्य शहरों में है। उद्योगपतियों को एक जगह ही सभी तरह की सुविधा और जानकारी मिल जाए, इसके लिए अतुल्य या क्रिस्टल आइटी पार्क में हेल्प डेस्क के रुप में उद्योग मित्र नाम से एक कार्यालय खोलने का प्रस्ताव है।