Indore News: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मंगलवार को जनसुनवाई में पहली बार पहुंचे कलेक्टर आशीष सिंह ने जहां दिव्यांग व जरूरतमंदों की मदद के काम को जारी रखा, वहीं उन्होंने सख्त तेवर भी दिखाए। जनसुनवाई में देरी से पहुंचना जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास, सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या और सहायक श्रमायुक्त मेघना भट्ट को भारी पड़ा। कलेक्टर ने तीनों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए।
मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंची वृद्ध महिला ने कलेक्टर आशीष सिंह को बताया कि उनके 17 वर्षीय पोते मयंक यादव के दिल में छेद है। उसके इलाज के लिए वह जगह-जगह भटक रही है। इस पर कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारी को उस बालक का इलाज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में करवाने के निर्देश दिए। मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर आशीष सिंह तल मंजिल पर बैठे दिव्यांगों से मिले और उनकी समस्यांओ को सुना।
कलेक्टर ने तीन दिव्यांग सुरेंद्र सिंह, तारा बाथम तथा विनोद चौधरी को मौके पर ही रेट्रोफिटेड स्कूटी प्रदान की। बाणगंगा निवासी दिव्यांग बालक शिव पिता अखिलेश सीपी चेयर तथा 76 वर्षीय ओमप्रकाश सिंह राठौड़ को डिजिटल कान की मशीन प्रदान की गई। जनसुनवाई में 157 दिव्यांगों को रेट्रोफिटिंग स्कूटी स्वीकृत की गई। इन्हें शिविर लगाकर स्कूटी वितरित की जाएगी।
कलेक्टर ने सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन विभाग अधिकारी को दिव्यांगों के लिए रोजगार मेले का भी आयोजन करने के निर्देश दिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बने। कलेक्टर द्वारा जरूरमंदों को जनसुनवाई में रेडक्रास से माध्यम से एक लाख 44 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। जनसुनवाई में आई छात्रा खुशबू साहू को कालेज फीस के लिए 53 हजार रुपये की सहायता स्वीकृत की।
वृद्ध महिला कमला पंचोली को सिलाई मशीन के लिए 10 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई। चिकित्सा सहायता के लिए हुकुमचंद गुप्ता एवं प्रकाश उपाध्याय को 10-10 हजार रुपये स्वीकृत किए गए। रोशनी साहू ने बताया कि वह बहुत गरीब है और अपनी रोज की जरूरतें पूरी करने में भी असक्षम है। वह गरीबी रेखा का कार्ड बनवाना चाहती हैं। इस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारी को तत्काल बीपीएल कार्ड बनवाने के निर्देश दिए।