इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Indore News। विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर गुरुवार को शहर के कुछ संगठन से जुड़े लोगों ने कोरोना महामारी में मुक्ति के लिए ऑनलाइन वेबिनार में संयुक्त रूप से प्रार्थना की। इंदौर के कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित इस वेबिनार में इंदौर सहित देशभर के करीब 79 दिव्यांग लोग जुड़े। इनमें वे शामिल हुए, जिन्होंने दिव्यांगता पर विजय पाकर समाज में एक अलग मुकाम बनाया। इस वेबिनार में दिव्यांग प्रतिभाओं ने अपने अनुभव साझा कर बताया कि किस तरह दिव्यांगता पर विजय पाई जा सकती है और किसी का दया पात्र भी बने रहने की जरूरत नहीं होती। सभी ने कहा कि जीवन में हार मान कर बैठने से अच्छा है कि प्रयत्न किया जाए। वेबिनार में मूक-बधिरों के लिए काम करने वाले शहर के संगठन के प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र व मोनिका पुरोहित ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि मूक-बधिरों को समाज में उच्च स्थान दिलाने के लिए उन्हें रोजगार दिलवाने की बात कही।
वेबिनार में डॉ. साकेत जती, प्रोफेसर राजेंद्र जैन, टेबल टेनिस में जकार्ता पेरा ओलंपिक में खेल चुके प्रमोद गंगराड़े, अंतरराष्ट्रीय जगत से न्यूयॉर्क के अतुल भटारा, लंदन के मार्टिन शामिल हुए। इनके अलावा कारगिल में दोनों पैर खोने वाले फौजी दीपचंद, डिस्एबल हाउस की सीईओ प्रीति जौहर भी उपस्थित थीं। आयोजक कृष्णा गुरुजी ने बताया कि वर्तमान समय में दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनाने की जरूरत है। उन्हें दया नहीं प्यार देने की जरूरत है। हम लोगों को दिव्यांगों को स्वालंबन से जीना सिखाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मौजूदा जीवन में हर व्यक्ति विकलांग है, कोई आर्थिक क्षेत्र में तो कोई रिश्तों से। हम दिव्यांगता से स्वालंबन का पाठ दिव्यांगों को देंगे। जिन दिव्यांगजनों ने समाज के हर क्षेत्र में अपने आप को स्थापित किया है चाहे वह खेल जगत हो, चिकित्सा जगत हो, कला या आध्यात्म, उन्हें हमें प्रेरणा स्त्रोत के रूप में देखकर आगे बढ़ना चाहिए। जो सैनिक देश की सेवा के दौरान दिव्यांग हो जाते हैं। उनके सम्मान में एक अलग 'डिसएबल सोल्जर डे" होना चाहिए।