कुलदीप भावसार, नईदुनिया, इंदौर। जनता से टैक्स के रूप में पैसा लेकर नगर निगम किस तरह बर्बाद करता है इसका उदाहरण अब इंदौर में सड़क घोटाले के रूप में सामने आ रहा है। करोड़ों रुपये की लागत से तैयार सड़कों का एक साल में दम टूट गया। 25 साल के दावे के साथ बनाई गई ये सड़कें दो इंच तक धंस गईं। ठेकेदार नगर निगम को सड़कें सुपुर्द करके जा चुका है। सड़कों के धंसने से आई दरारों की वजह से रोजाना सैकड़ों वाहन चालक फिसलकर गिर रहे हैं।
नगर निगम ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में सड़कों का चौड़ीकरण करते हुए कंक्रीट की सड़कें बनाई हैं। पिछले सात वर्ष में इन सड़कों के निर्माण पर 500 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की जा चुकी है। सड़क निर्माण के समय दावा किया गया था कि इन सड़कों को आने वाले 25 सालों तक रखरखाव की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, लेकिन वे सड़कें भी दम तोड़ने लगी हैं, जिनका निर्माण एक वर्ष पहले ही हुआ था।
फूटी कोठी से महू नाका तक लगभग दो किमी लंबी इस सड़क का निर्माण सात वर्ष पहले हुआ था। तीन माह पहले अचानक यह सड़क धंसने लगी। कई जगह यह सड़क दो इंच से ज्यादा तक धंस चुकी है। इस वजह से दिनभर वाहन चालक गिरते हैं।
लगभग एक किमी लंबी इस सड़क का निर्माण पांच वर्ष पहले हुआ था। यह सड़क भी जगह-जगह धंस रही है। कुछ जगह तो एक इंच तक धंस चुकी है। लगातार हादसे हो रहे हैं।
एयरपोर्ट क्षेत्र की साठ फीट रोड का निर्माण तो एक वर्ष पहले ही हुआ है, बावजूद इसके यह लगातार धंस रही है। रहवासियों ने बताया कि आए दिन हादसे होते रहते हैं। कई बार नगर निगम में शिकायत भी कर चुके हैं।
चोइथराम अस्पताल के सामने की सड़क का निर्माण भी कुछ वर्ष पहले ही हुआ है। यह सड़क भी धंस चुकी है। कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। क्षेत्रवासियों का कहना है कि आए दिन हादसे होते रहते हैं।
वरिष्ठ इंजीनियर अतुल सेठ कहते हैं यह गंभीर लापरवाही है। सीमेंटेड सड़कों के निर्माण में भराव का बहुत महत्व होता है। ऐसी सड़कों में 97 प्रतिशत तक ठोस मटेरियल का भराव होना चाहिए। जिस तरह से ये सड़कें धंस रही हैं, उसे देखकर कहा जा सकता है कि निर्माण के समय लापरवाही की गई है। मटेरियल भी कमजोर इस्तेमाल किया गया। ये सड़कें लगातार धंस रही हैं।
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सड़क निर्माण के समय लापरवाही हुई है। बड़ी गड़बड़ी से इन्कार नहीं किया जा सकता। इन सड़कों के निर्माण की जांच कराएंगे। संबंधित ठेकेदार और तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश देंगे। - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर, इंदौर