स्कूल ने मैटरनिटी लीव से किया इनकार, फिर नौकरी से भी निकाला… इंदौर की लेडी टीचर ने महिला आयोग से लेबर कोर्ट तक लड़ी जंग
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का यह मामला मिसाल है। कैसे एक महिला टीचर ने अपने अधिकारों के लिए पहले 6 महीने तक महिला आयोग में और फिर 7 महीने तक लेबर कोर्ट में लड़ाई लड़ी। पढ़िए संघर्ष के सुखद अंत की पूरी कहानी।
Publish Date: Wed, 14 Aug 2024 10:34:40 AM (IST)
Updated Date: Wed, 14 Aug 2024 11:57:15 AM (IST)
श्रम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा- स्कूल प्रबंधन शिक्षिका को दोबारा नौकरी पर रखे। उन्हें जिस दिन से नौकरी से निकाला गया था, उस दिन से लेकर 25 जून तक बकाया वेतन का लाभ एक माह में दे। (प्रतीकात्मक फोटो)HighLights
- स्कूल ने मैटरनिटी लीव की सैलरी देने से इनकार कर दिया था
- महिला आयोग ने आदेश दिया, तो स्कूल ने नौकरी से निकाल दिया
- अब लेबर कोर्ट ने टीचर को नौकरी पर भी रखने का आदेश दिया
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में निजी स्कूल की शिक्षिका ने प्रसूति अवकाश (मैटरनिटी लीव) मांगा, तो स्कूल प्रबंधन ने कहा कि छुट्टी ली, तो वेतन नहीं मिलेगा। नौकरी भी जा सकती है। शिक्षिका ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से कर दी। आयोग ने छह माह प्रसूति अवकाश देने का निर्देश दिया।
इस पर स्कूल प्रबंधन ने कहा कि हम प्रसूति अवकाश तो दे देंगे, लेकिन अब नौकरी पर नहीं रखेंगे। शिक्षिका ने इसके खिलाफ श्रम न्यायालय (लेबर कोर्ट) में अपील की। यहां 7 माह लंबी कानूनी लड़ाई के बाद शिक्षिका को न्याय मिला है। कोर्ट ने स्कूल प्रबंधन को आदेश दिया कि वह शिक्षिका को प्रसूति अवकाश का लाभ देने के साथ-साथ नौकरी पर भी रखें।
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नहीं चली स्कूल की मनमानी
- मामला कैट कॉलोनी में रहने वाली प्रियांशी गर्ग का है। वे महू के निजी स्कूल में 24 जून 2022 से शिक्षिका हैं।
- स्कूल से उनका अनुबंध 31 मार्च 2025 तक का है। उन्होंने 23 जनवरी 2024 को प्रसूति अवकाश मांगा था।
- इस पर प्रबंधन ने कहा कि उन्हें 6 माह का अवैतनिक अवकाश लेना होगा, नहीं तो नौकरी से निकाल देंगे।
- इसके खिलाफ टीचर ने महिला आयोग में गुहार लगाई। महिला आयोग ने स्कूल के खिलाफ फैसला लिया।
- इस पर मैनेजमेंट ने प्रियांशी को नोटिस देकर नौकरी से निकाल दिया। अब लेबर कोर्ट का फैसला आया है।
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लेबर कोर्ट ने क्या कहा अपने फैसले में
श्रम न्यायालय ने श्रम निरीक्षक से मामले की जांच के लिए कहा था। पूरी सुनवाई के बाद आदेश दिया कि स्कूल प्रबंधन शिक्षिका को दोबारा नौकरी पर रखे। उन्हें जिस दिन से नौकरी से निकाला गया था, उस दिन से लेकर 25 जून तक बकाया वेतन का लाभ एक माह में दें। शिक्षिका का प्रसूति अवकाश 26 जून से 25 दिसंबर तक मंजूर किया गया। अनुबंध की शेष अवधि 26 दिसंबर से 31 मार्च 2025 तक उन्हें नौकरी पर बरकरार रखा जाए।