School In Indore: इंदौर के स्कूल भवन अधूरे, कक्षाओं में बैठने की राह तक रहे विद्यार्थी
School In Indore:स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि वे कई बार निगम के अफसरों को इन इमारतों के जीर्णोद्धार व निर्माण संबंधित कार्य पूरा करने के लिए कह चुके हैं लेकिन कुछ प्रोजेक्ट में ठेकेदार की लापरवाही तो कुछ में भुगतान न होने से निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Fri, 28 Oct 2022 09:13:21 AM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Oct 2022 09:13:21 AM (IST)

School In Indore: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नगर निगम द्वारा शहर में छह सरकारी स्कूलों की नई इमारतों का निर्माण किया जा रहा है और चार अन्य के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। हकीकत यह है कि शहर के आधा दर्जन से ज्यादा सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनकी इमारतें बनना तो शुरू हुईं, लेकिन उनके जीर्णोद्धार व निर्माण संबंधित कार्य पूरे नहीं हो सके। इन स्कूलों के छात्र कमरों में बैठकर पढ़ने का अब भी इंतजार कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि वे कई बार निगम के अफसरों को इन इमारतों के जीर्णोद्धार व निर्माण संबंधित कार्य पूरा करने के लिए कह चुके हैं लेकिन कुछ प्रोजेक्ट में ठेकेदार द्वारा लापरवाही तो कुछ में भुगतान न होने के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया।
चार साल पहले जीर्णोद्धार कार्य शुरू हुआ, अब भी है अधूरा
चिमनबाग स्थित शासकीय नूतन उमा विद्यालय में चार साल पहले जीर्णोद्धार कार्य शुरू हुआ था। कोविड के दौरान यह काम बंद हो गया था। 15 दिन पहले निर्माण एजेंसी ने एक हाल, दो कमरों व फ्रंट एलिवेशन का काम शुरू किया लेकिन त्योहार के कारण यह भी बंद रहा है। ऐसे में क्लास रूम व हाल का उपयोग नहीं हो पा रहा है। स्कूल के प्राचार्य मनोज खोपकर के मुताबिक निगम के अफसर हमें जल्द जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने का आश्वासन दे रहे हैं। कार्य चालू होने के कारण मौजूदा क्लास रूम में ही जैसे-तैसे विद्यार्थियों की कक्षाएं चल रही हैं।
10 साल पहले चार कमरों की बनी दीवारें, छत नहीं डाली जा सकी
पीपल्याहाना में शासकीय हाई स्कूल में पांच क्लास रूम में 350 छात्र पढ़ते हैं। अभी यहां पर क्लास रूम की संख्या कम होने के कारण दो शिफ्ट में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। स्कूल की मौजूदा इमारत के पिछले हिस्से में चार कमरों का निर्माण शुरू किया था। उनकी दीवारें तो बन गईं लेकिन छत नहीं डाली जा सकी। स्कूल की प्राचार्य ज्योति जैन के मुताबिक यदि ये चार कक्ष तैयार हो जाएं तो सभी विद्यार्थियों की कक्षाएं एक शिफ्ट में संचालित कर सकते हैं। निगम के अफसर अब नए सिरे से भवन निर्माण की योजना बता रहे हैं।
22 कमरों की इमारत मिलने का आश्वासन
संयोगितागंज के शासकीय उ. मा. विद्यालय में कक्षा छठी से 12 वीं में 300 छात्र पढ़ते हैं। यहां पर सात कक्षाओं में ही विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है। निगम द्वारा स्कूल परिसर में 22 कमरों की इमारत बनाई गई है लेकिन अभी पुताई व अन्य काम ही पूरे नहीं हुए हैं। स्कूल की प्राचार्य विनया काले के मुताबिक निगम के अफसरों ने हमें दीपावली के बाद इमारत को हैंडओवर करने का आश्वासन दिया है।
ऐतिहासिक इमारत का जीर्णोद्धार शुरू किया, अब नए भवन की बना रहे योजना
संयोगितागंज के शासकीय बालक उ.मा. विद्यालय की पुरानी इमारत 1826 में बनी थी। इसे बने 194 साल हो चुके हैं। ऐसे में निगम द्वारा अभी तक इस इमारत के जीर्णोद्धार की योजना बनाई जा रही थी। इसके हेरिटेज स्वरूप को कायम रखते हुए लकड़ी के स्थान पर लोहे के गर्डर, टिनशेड व कवेलू भी डाले गए। अभी कुछ हिस्से में छत की रिपेयरिंग बाकी है। क्षेत्रीय विधायक व निगम के अफसर अब इस ऐतिहासिक इमारत के स्थान पर नया भवन बनाने की योजना बना रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य आरके चेलानी के मुताबिक वर्तमान में स्कूल के नौ कमरों में दो शिफ्ट में कक्षाओं का संचालन हो रहा है। यहां पर 490 छात्र पढ़ रहे हैं। अभी स्कूल में कक्षा नौवीं व 10 वीं की कक्षाएं दोपहर की शिफ्ट में चल रही हैं। वहीं 11 वीं व 12 वीं की कक्षा सुबह की शिफ्ट में चल रही है।
पीपल्याहाना हाई स्कूल को जो कार्य अूधरा है, उसे पूरा करने के लिए हमने पुन: टेंडर जारी किया है। नूतन स्कूल के जीर्णोद्धार का कार्य बाकी है। इसे हम दो माह में पूरा कर देंगे। बालक संयोगितागंज उ मा विद्यालय के मौजूदा भवन का जीर्णोद्धार होगा या नई इमारत बनेगी। इस पर निर्णय होना बाकी है। संयोगितागंज बालिका उ. मा. विद्यालय की इमारत तैयार हो गई है और 15 दिन में कक्षाओं को नए भवन में शिफ्ट कर देंगे। द्वितीय चरण में स्कूल में कंप्यूटर लैब, अन्य लैब व आडिटोरियम बनाया जाना है। इसकी डीपीआर तैयार हो गई है।
-योगेंद्र गंगराड़े, प्रभारी अधिकारी शाला प्रकोष्ठ नगर निगम