कठघरे में IAS संतोष वर्मा के लिए 'फर्जी फैसला' बनाने वाले जज विजेंद्रसिंह रावत, SIT के सामने हुए पेश
Vijendra Singh Rawat: मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित फर्जी फैसला कांड में निलंबित जज विजेंद्रसिंह रावत गुरुवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश हो गए। दो वकीलों के साथ कोतवाली थाने पहुंचे रावत ने जमानत के दस्तावेज पेश किए और रवाना हो गए।
Publish Date: Fri, 12 Dec 2025 07:26:27 PM (IST)
Updated Date: Fri, 12 Dec 2025 07:26:27 PM (IST)
कठघरे में IAS संतोष वर्मा के लिए 'फर्जी फैसला' बनाने वाले जज विजेंद्रसिंह रावतनईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित फर्जी फैसला कांड में निलंबित जज विजेंद्रसिंह रावत गुरुवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश हो गए। दो वकीलों के साथ कोतवाली थाने पहुंचे रावत ने जमानत के दस्तावेज पेश किए और रवाना हो गए। एसीपी विनोद दीक्षित ने विवेचना के लिए लिखित में सवालों के जवाब मांगे हैं।
एमजी रोड़ थाना में दर्ज इस केस में खुद विजेंद्रसिंह रावत ही फरियादी है। उनकी कोर्ट से बने फर्जी फैसले के आधार पर ही राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे संतोष वर्मा को आईएएस अवॉर्ड आवंटित हुआ था। संतोष की इस मामले में चार साल पूर्व ही गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि रावत ने हाल में अग्रिम जमानत ली है। बुधवार को ही एसीपी विनोद दीक्षित ने नोटिस कर पेश होने के लिए कहा था।
गुरुवार को पूर्व न्यायाधिश वीके सोने के साथ रावत एसीपी कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने जमानत के दस्तावेज पेश कर दिए। एसीपी ने विवेचना के संबंध में लिखित में सवाल कर जवाब मांगे हैं। उधर पुलिस ने संतोष वर्मा की जमानत खारिज करवाने की पूरी तैयारी कर ली है।
एसीपी के मुताबिक जिस फैंसले के आधार पर वर्मा को आईएएस अवॉर्ड आवंटित हुआ, उस पर विजेंद्रसिंह रावत के हस्ताक्षर हैं। पुलिस उस विवादित दस्तावेज की जांच करवाना चाहती है। वर्मा से हस्ताक्षर के नमूने मांगे तो इनकार कर दिया। उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। पुलिस कोर्ट के समक्ष पक्ष रखेगी।