
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मनमाड़-इंदौर रेल परियोजना को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इंदौर जिले के महू तहसील अंतर्गत 18 गांवों में कुल 943 किसानों की भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहीत की जा चुकी है।
यह महत्वपूर्ण रेल मार्ग महाराष्ट्र से सीधे आंबेडकर नगर स्टेशन को जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय परिवहन और विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इसी कड़ी में आंबेडकर नगर तहसील के खेड़ी इस्तमुरार गांव से भूमि अधिग्रहण की औपचारिक शुरुआत भी हो चुकी है।
हालांकि, धार जिले में जमीन अधिग्रहण का कार्य अभी अधूरा है, जिसके कारण परियोजना की प्रगति प्रभावित हो रही है। संघर्ष समिति के प्रमुख मनोज मराठे ने बताया कि बड़वानी जिले के सेंधवा क्षेत्र में अधिग्रहण प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सेंधवा की भूमि अधिग्रहण संबंधी फाइल कसरावद प्रशासन को ड्राफ्ट तैयार करने के लिए भेज दी गई है। ड्राफ्ट अनुमोदन के बाद सेंधवा की अंतिम अधिग्रहण सूची जारी कर दी जाएगी।
धार जिले में हो रही देरी को लेकर मनोज मराठे ने इंदौर पहुंचकर रेलवे संघर्ष समिति के सदस्य और रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य नागेश नामजोशी के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने मांग रखी कि धार जिले में लंबित अधिग्रहण प्रक्रिया को जल्द पूरा कराने हेतु विभागीय स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएं। इसके लिए वे कमिश्नर से समय लेकर धार जिला प्रशासन, रेलवे बोर्ड और पश्चिम रेलवे के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
यह भी पढ़ें- खजुराहो तक सीधा रेल संपर्क बनने में अभी दो साल की देरी, सतना–खजुराहो नई लाइन से जबलपुर को मिलेगा फायदा
मराठे का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो परियोजना की शुरुआत में अनावश्यक विलंब हो सकता है। अतः समिति का प्रयास है कि सभी प्रभावित जिलों में अधिग्रहण कार्य बिना किसी बाधा के शीघ्र पूरा हो, ताकि मनमाड़-इंदौर रेल परियोजना समय पर धरातल पर उतर सके और व्यापक जनहित को लाभ पहुंचा सके।