.webp)
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर की चोईथराम फल-सब्जी मंडी में वर्षों से जारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। बोर्ड की सख्त जांच में दोषी पाए गए छह सहायक उप निरीक्षकों (ASI) को फल-सब्जी मंडी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इन सभी को अनाज मंडी में स्थानांतरित कर दिया गया है और दंड स्वरूप एक से दो वार्षिक वेतनवृद्धियां भी रोकी गई हैं। मंडी बोर्ड ने स्पष्ट आदेश दिया है कि भविष्य में इन अधिकारियों की नियुक्ति कभी भी फल-सब्जी मंडी में नहीं की जाएगी।
चोईथराम सब्जी मंडी में मंडी शुल्क वसूली में धांधली की शिकायतों के बाद, 8 अप्रैल को राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आयुक्त एवं सह प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम ने औचक निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के दौरान मंडी में बड़े पैमाने पर अव्यवस्थाएं उजागर हुईं, जिसने पूरे मंडी प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया। जांच में पाया गया कि सीसीटीवी कैमरे जानबूझकर बंद रखे गए थे, शुल्क संग्रह कर्मचारियों पर कोई निगरानी नहीं थी और रसीद व जमा राशि के बीच भारी अंतर था।
विस्तृत जांच, कारण बताओ नोटिस और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद विष्णु राठौर, राजू कुवाल, कैलाश अहिरवार, सतीश टोंकवाल, राजेश बुंदेला और नंदलाल पंढरा को भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया। आयुक्त के आदेश पर इन सभी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। मंडी सचिव रामवीर किरार ने पुष्टि की है कि इन अधिकारियों को अन्य अनाज मंडियों में पदस्थ किया गया है और उनके विरुद्ध विभागीय दंड की कार्रवाई की गई है।
आयुक्त की जांच में यह भी सामने आया कि वाहनों से नगद राशि वसूलने के बावजूद रसीदें जारी नहीं की गईं। आवक पंजियों का संधारण (Maintenance) नहीं किया गया और ई-मंडी व्यवस्था को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। इस धांधली के कारण शासन को भारी राजस्व का नुकसान हुआ, जबकि किसानों से पूरा शुल्क वसूला गया। यह सीधा-सीधा किसानों और शासन, दोनों के साथ धोखाधड़ी का मामला था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसान नेताओं पर भी दबाव बनाने की कोशिश की गई थी। किसान नेता बबलू जाधव का आरोप है कि आंदोलन को दबाने के लिए दोषी सहायक उपनिरीक्षक राजू कुवाल ने उन पर फर्जी एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे पहले, इसी मामले में तत्कालीन मंडी सचिव नरेश परमार को भी हटाया गया था। उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतों के साथ-साथ एक विवादित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
यह भी पढ़ें- रेलवे का बड़ा तोहफा... हिसार-तिरुपति एक्सप्रेस के फेरे बढ़े, उर्स के लिए अजमेर-हैदराबाद स्पेशल ट्रेन का संचालन