
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मकर संक्रांति से पहले अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी 14 जिलों में चाइनीज मांझे के निर्माण, उपयोग, विक्रय, संग्रहण, भंडारण को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। इंदौर में 10 दिन के भीतर हुए दो हादसों के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका दायर की है। गुरुवार को इसी याचिका में सुनवाई हुई।
न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला और न्यायमूर्ति बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने सभी 14 जिलों के कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, एसपी को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। कोर्ट ने जिम्मेदारों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि कार्रवाई सिर्फ कागज पर नहीं बल्कि मैदान में भी नजर आए। मामले में अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी। इंदौर में दस दिन के भीतर चाइनीज मांझे की वजह से हुए दो हादसों के बाद 8 दिसंबर को हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने शासन, पुलिस कमिश्नर से कहा था कि वे बताएं कि चाइनीज मांझे पर रोक लगाने के लिए उन्होंने क्या किया और इसके विक्रय पर सख्ती से कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही। कोर्ट ने याचिका में एक वरिष्ठ अभिभाषक को न्यायमित्र भी नियुक्त किया है। गुरुवार को हुई सुनवाई में शासन की ओर से उप महाधिवक्ता सुदीप भार्गव ने कोर्ट को बताया कि प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जा चुके हैं। चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है।
इस पर न्यायमित्र ने कहा कि चूंकि मकर संक्रांति का त्योहार आने वाला है, बड़े पैमाने पर पतंगबाजी होती है। इसलिए इस मामले में सख्ती जरूरी है। उन्होंने कुछ सुझाव तैयार किए हैं। कोर्ट ने सुझावों को सुनने के बाद चाइनीज मांझे के निर्माण, उपयोग, विक्रय, संग्रहण, भंडारण को पूरी तरह से प्रतिबंधित करते हुए इंदौर खंडपीठ के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, एसपी से कहा कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें।
- यह सुनिश्चित किया जाए कि चाइनीज मांझा बाजार में बिके ही नहीं।
- चाइनीज मांझे के उपयोग, विक्रय, भंडारण, संग्रहण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
- इंटरनेट मीडिया के माध्यम से इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं।
- चाइनीज मांझे के उपयोग, विक्रय, भंडारण किए जाने पर होने वाली विधिक कार्रवाई के बारे में आमजन को बताया जाए।
हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के क्षेत्राधिकार में 14 जिले आते हैं। ये जिले हैं इंदौर, देवास, उज्जैन, रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर मालवा, शाजापुर, राजगढ़, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी। हाई कोर का आदेश इन सभी 14 जिलों में प्रभावी होगा। इन सभी जिलों में चाइनीज मांझे का निर्माण, उपयोग, विक्रय, संग्रहण, भंडारण आदि प्रतिबंधित रहेगा।
केस-एक: 30 नवंबर, रविवार को चाइनीज मांझे ने 16 साल के छात्र की जान ले ली। हादसा कनाड़िया थाना इलाके में तेजाजी नगर बायपास पर हुआ। मृतक की पहचान ओमेक्स सिटी निवासी गुलशन पिता रामकिशन के रूप में हुई है। वह दोस्तों के साथ बाइक से रालामंडल घूमने गया था। लौटते वक्त रास्ते में अचानक पतंग का मांझा गर्दन में फंस गया। गहरा कट लगा। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
केस-दो: 7 दिसंबर, रविवार रानीपुरा क्षेत्र के हाथीपाला में दोपहिया वाहन से जा रहा 30 वर्षीय रेहान पुत्र मकबूल खान निवासी साउथ तोड़ा चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। वह संभल पाता उससे पहले गर्दन में कट लग गया। यह घटना शाम करीब सात बजे की है। गनीमत रही कि इस घटना के 10 सेकंड पहले ही फोन देखने के चलते वाहन की गति धीमी कर ली थी। यदि रफ्तार तेज होती, तो अधिक चोट लग सकती थी।
- चोट न लगे, तब भी सजा: कोई व्यक्ति चाइनीज मांझा इस्तेमाल करते हुए पकड़ा जाता है, भले ही किसी को चोट नहीं लगी हो, तो 3 महीने तक की कैद या 2,500 रुपए तक का जुर्माना, या दोनों।
- मामूली चोट लगने पर: यदि मांझे से किसी व्यक्ति को चोट पहुंचती है, तो सजा बढ़ जाती है। 6 महीने तक की कैद, या 5,000 रुपये जुर्माना, या दोनों।
- गंभीर चोट लगने पर: किसी को गंभीर चोट होती है, तो 3 साल तक की कैद, या 10,000 रुपये जुर्माना, या दोनों।
प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझा ऑनलाइन नए नामों से खुलेआम बेचा जा रहा है। कई वेबसाइटें पतंग उड़ाने वाले विशेष मांझे की बिक्री का दावा करती हैं, लेकिन असल में इन्हीं प्लेटफॉर्मों पर चाइनीज मांझा ‘मोनो मांझा’ के नाम से धड़ल्ले से बिक रहा है। बाजार में इसके कई वेरिएंट चल रहे हैं जैसे - मोनो फाइटर, मोनो प्रीमियम और मोनो फाइटर प्रीमियम, जिनकी कीमत 549 से 950 रुपये तक बताई जाती है। सबसे हैरानी की बात यह है कि विक्रेता इन पर ‘इंडस्ट्रियल यूज ओनली’ लिखकर बेच रहे हैं, जबकि मांझे का किसी भी औद्योगिक उपयोग से कोई संबंध नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार यह सिर्फ एक शातिर चाल है ताकि कार्रवाई होने पर विक्रेता तकनीकी दांव-पेंच में बात उलझा सकें।