MP Cabinet Formation इलेक्शन डेस्क, इंदौर। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद से मंत्रिमंडल को लेकर जारी कवायद पर आज विराम लग जाएगा। 3.30 बजे मंत्रिमंडल की शपथ होना है। अटकलें हैं कि 20 से अधिक विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। माना जा रहा है कि मोहन कैबिनेट का यह गठन आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से किया जाएगा। वहीं इस चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार भी किया जा सकता है। आपको इस लेख में बताते हैं कि मध्य प्रदेश में अधिकतम कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं और इसको लेकर क्या नियम है।
राज्यों में मंत्रियों की संख्या का निर्धारण उस राज्य की कुल विधानसभा सीटों की संख्या को देखते हुए किया जाता है। यह नियम लोकसभा में भी लागू होता है। संविधान के 91 वें संशोधन अधिनियम के तहत किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या कुल विधायकों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। यानी किसी राज्य में 100 विधानसभा सीटें हैं तो वहां कुल 15 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। नियम के अनुसार प्रदेश में अधिकतम 34 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री का चयन भी इन 34 विधायकों में से ही किया जाता है। वर्तमान में मोहन यादव मुख्यमंत्री और जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल को उप मुख्यमंत्री बनाया जा चुका है। इस लिहाज से देखें तो अब अधिकतम सिर्फ 31 विधायकों को ही मंत्री बनाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश में आज होने जा रहे मंत्रिमंडल विस्तार के चलते सुबह सीएम मोहन यादव ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात कर उन्हें उन्हें मंत्रियों की लिस्ट सौंप दी है। कई दौर की चर्चा के बाद मंत्री बनाए जाने वाले चेहरे तय कर लिए गए हैं। इस विस्तार में लोकसभा चुनाव को दृष्टि में रखते हुए जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से मंत्री बनाए जा सकते हैं।