नईदुनिया, इंदौर। शहर के प्रसिद्ध सराफा बाजार में चौपाटी को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। दोपहर से ही कुछ अस्थाई दुकानदार सड़कों पर कब्जा जमाने लगे हैं, जिससे न केवल ट्रैफिक बाधित हो रहा है, बल्कि सराफा व्यापारी भी बेहद परेशान हैं। अब हालात ऐसे बन चुके हैं कि व्यापारी संघ धरने और भूख हड़ताल पर बैठने की योजना बना रहा है।
दरअसल, नगर निगम की महापौर परिषद (MIC) ने हाल ही में फैसला लिया है कि सराफा चौपाटी में केवल 80 परंपरागत दुकानें ही रह सकेंगी। बाकी सभी अस्थाई दुकानों को हटाने के लिए आदेश जारी हो चुके हैं। लेकिन इन आदेशों के बावजूद, अस्थाई दुकानें दिन में 3 बजे से लगने लगती हैं, जिससे सराफा का मुख्य मार्ग पूरी तरह जाम हो जाता है।
व्यापारियों का कहना है कि जब सराफा बाजार अभी खुला होता है, उसी वक्त चाट-पकोड़ी जैसे स्टॉल लगना शुरू हो जाते हैं। इन दुकानों पर आने वाले ग्राहक दुकानों के सामने खड़े हो जाते हैं, जिससे न सिर्फ बिक्री पर असर पड़ता है, बल्कि कई बार ग्राहकों से कहासुनी और विवाद की स्थिति भी बन जाती है।
सराफा क्षेत्र में भेरू बाबा मंदिर के सामने सबसे ज्यादा अव्यवस्था होती है, जहां राजवाड़ा, छोटा सराफा और सराफा थाना की ओर से आने वाले वाहन आपस में फंस जाते हैं। शाम होते-होते यह इलाका पूरी तरह ट्रैफिक जाम से जूझता है।
व्यापारियों की शिकायत है कि कई बार सराफा थाना पुलिस को इसकी सूचना दी गई, लेकिन सिर्फ मौखिक समझाइश देकर छोड़ दिया जाता है। अगले ही दिन वे दुकानदार फिर से आ जाते हैं और वही समस्या दोहराई जाती है।
व्यापारियों ने मांग की है कि न सिर्फ गैस सिलेंडरों के इस्तेमाल पर पूर्ण रोक लगे, बल्कि अस्थाई दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई भी हो। वे चेतावनी दे रहे हैं कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो एसोसिएशन के सदस्य धरना और भूख हड़ताल करेंगे।
इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी संघ के अध्यक्ष हुकम सोनी का कहना है कि हमारी बात कोई नहीं सुन रहा है। निगम और पुलिस दोनों नाकाम साबित हो रहे हैं। उन्होंने चौपाटी को स्थायी रूप से हटाने की मांग की है। उधर, पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार कौल ने आश्वासन दिया है कि अगर सड़क पर अवैध दुकानें लग रही हैं और ट्रैफिक बाधित हो रहा है, तो जल्द कार्रवाई की जाएगी।