नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। प्रदेश की राजधानी इंदौर, उद्योग मामले में अग्रणी है। अब रेलवे के नए रेल लाइन प्रोजेक्ट से उद्योगों को पंख लग जाएंगे। रतलाम मंडल के इंदौर रेलवे स्टेशन को अन्य प्रदेश से जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट आकार ले रहे है, जिससे इंदौर से महाराष्ट्र और गुजरात की दूरी कम हो जाएगी।
वहीं इंदौर-रतलाम के बीच दूसरी लाइन डलने से गुड्स के साथ यात्री ट्रेनों की संख्या में इजाफा भी होगा। कुल मिलाकर आने वाले समय में इंदौर स्टेशन से हर दिन सैकड़ों ट्रेनों का संचालन होगा। इसके लिए स्टेशन पर 475 करोड़ रुपए की लगात से नई स्टेशन इमारत भी बनाई जा रही है।
इंदौर व आस-पास के क्षेत्र में एक हजार से अधिक उद्योग संचालित हो रहे है। इन उद्योगों का माल देशभर के साथ विदेशों तक जाता है। माल परिवहन का सबसे सुगम और सुरक्षित रेल मार्ग ही है। जल्द ही इंदौर-दाहोद, इंदौर-खंडवा रेल प्रोजेक्ट पूरे होने पर इन उद्योगों को सीधा फायदा मिलेगा। वर्तमान में पीथमपुर (टिही) में कानकोर द्वारा कंटेनर ट्रेन का संचालन किया जा रहा है।
यहां से हर साल 90 हजार से अधिक कंटेनरों का आवागमन हो रहा है। बावजूद एक लाख से अधिक कंटेनर सड़क मार्ग का ही उपयोग कर रह है। यहीं कारण है कि इंदौर व आसपास के उद्योगपति रेल प्रोजेक्ट के पूरे होने का इंतजार कर रहे है।
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के गाैतम कोठारी ने बताया कि इंदौर-खंडवा, इंदौर-दाहोद और इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट पूरा होने पर गुड्स ट्रेनों के लिए एक ट्रेड रेल मार्ग बन जाएगा। कम समय, कम खर्चा और सुरक्षित रूप से माल अपने स्थान पर पहुंच जाएगा। यह सभी प्रोजेक्ट एक दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे, इसके बाद देशभर में कहीं के लिए भी कंटेनर ट्रेन चलाई जा सकेगी। वर्तमान में इंदौर-दाहोद और इंदौर-खंडवा रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है।
वर्तमान में इंदौर रेलवे स्टेशन से लगभग 68 ट्रेनों का संचालन हो रहा है। निर्माणधीन प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यहां से हर दिन 100 अधिक ट्रेनों का आवागमन होगा। इसके साथ ही गुड्स ट्रेनों के रेक भी हर दिन गुजरेंगे। कई नई ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा।
2030 तक इंदौर रेलवे स्टेशन की जहां सभी राज्यों से सीधी कनेक्टीविटी हो जाएगी। वहीं गुजरात, महाराष्ट्र रूट के लिए विकल्प भी मिल जाएंगे। वर्तमान मे इंदौर से गुजरात जाने के लिए रतलाम होकर जाना पड़ता है। लेकिन इंदौर-दोहोद लाइन पूरी होने पर धार-झाबुआ हो कर सीधे गुजरात पहुंचा जा सकेगा।
इधर मुबंई जाने के लिए रतलाम होकर जाना पड़ता है। इंदौर-महू-खंडवा ब्राडगेज लाइन पूरी होने पर सीधे खंडवा होकर महाराष्ट्र, तेलांगना राज्यों की कनेक्टीविटी हो जाएगी। वहीं इंदौर-बुधनी लाइन शुरू होने से जबलपुर-रीवा होते हुए उत्तर भारत के लिए अतिरिक्त रूट मिल जाएगा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन पूरी हाेने पर महाराष्ट्र के लिए तीसरा विकल्प तैयार हो जाएगा।
- इंदौर दाहोद नई रेल लाइन प्रोजेक्ट
समय सीमा- 2026
इस बार मिला बजट- 600 करोड़ रुपए
- इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन प्राजेक्ट
समय सीमा- 2028
इस बार मिला बजट- 1080 करोड़ रुपए
- इंदौर-महू-खण्डवा ब्राडगेज लाइन प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति- महू-सनावद के बीच निर्माण कार्य शुरू
समय सीमा- 2026
इन प्रोजेक्ट के शुरू होने का इंतजार
- इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति- डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय भेजी
- इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम दोहरीकरण प्रोजेक्ट
वर्तमान स्थिति- डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो रही है