नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एमवाय अस्पताल में चूहे द्वारा नवजातों को कुतरने के मामले में दो सितंबर को एमजीएम मेडिकल कालेज डीन ने जांच समिति बनाई थी। जिसे सात दिन में अपनी रिपोर्ट देनी थी। लेकिन सात दिन बित जाने के बाद भी अभी तक जिम्मेदारों के कथन ही नहीं हो पाए है। समिति के सदस्य बार-बार उन्हें कथन दर्ज करवाने के लिए बुला रही है, लेकिन लापरवाह डॉक्टर, नर्स, एजाइल कंपनी के पदाधिकारी जा ही नहीं रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि लापरवाह सिस्टम को किसी का डर नहीं है।
देशभर में इंदौर को शर्मसार करने वाली इस घटना में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, स्वास्थ्य मंत्री आदि प्रतिक्रिया दे चुके हैं। कांग्रेस और जयस संगठन अस्पताल परिसर में प्रदर्शन कर चुका है। लेकिन इसके बावजूद लापरवाह सिस्टम सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। यह दर्शाता है कि किस तरह की लापरवाही वर्षों से अस्पताल में गरीब मरीजों के उपचार में बरती जा रही है। इसी प्रकार राज्य स्तरीय जांच समिति को भी तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन वह भी नहीं हो पाई।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय में चूहे काटने की घटना पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि पूरी कार्रवाई निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं तथ्यों के आधार पर की जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं की छवि को धूमिल करती हैं, दोषी व्यक्तियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी रोकथाम उपाय तुरंत लागू किए जाएं।
अस्पताल परिसरों की स्वच्छता, सुरक्षा और मरीजों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी, एमपी पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड एमडी मयंक अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
इस मामले में इंफेक्शन कंट्रोल यूनिट प्रभारी नर्सिंग आफिसर प्रेमलता राठौर पर भी कार्रवाई की गई है। राठौर के पास करीब 10 वर्ष से इंफेक्शन कंट्रोल का प्रभार संभाल रही थी। जानकारी अनुसार इनकी जिम्मेदारी थी कि एजाइल कंपनी के कितने कर्मचारी काम पर आ रहे हैं। उनकी हाजिरी लगाना, कंपनी पर प्रशासकीय नियंत्रण रखना है। पेस्ट कंट्रोल के बिल भी इन्हीं के पास से आगे जाते थे। पहले भी राठौर द्वारा लापरवाही बरतने पर पूर्व अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर और पूर्व डीन डॉ. संजय दीक्षित ने इनका स्थानांतरण मानसिक चिकित्सालय में किया था।
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बता दें कि मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव, विभागाध्यक्ष डॉ. बृजेश लाहोटी, डॉ. मनोज जोशी एवं सहायक प्रभारी नर्सिंग अधिकारी कलावती भलावी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। वहीं सहायक अधीक्षक एवं भवन प्रभारी डॉ. मुकेश जायसवाल, प्रभारी नर्सिंग अधिकारी प्रवीणा सिंह, नर्सिंग अधिकारी आकांक्षा बेंजामिन एवं श्वेता चौहान को निलंबित किया गया है। नर्सिंग अधीक्षक मार्गरेट जोसफ को पद से हटाया गया है तथा नर्सिंग अधिकारी प्रेमलता राठौर का स्थानांतरण मानसिक चिकित्सालय में किया है।