नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवाय) अस्पताल में हुई घटना ने मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर किए जा रहे दावों की पोल खोल दी है। अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एनआइसीयू में रविवार और सोमवार को दो नवजात बच्चों को चूहे ने कुतर दिया था, जिसमें से एक नवजात बच्ची की मंगलवार को मौत हो गई। इसे चूहे ने मासूम के हाथ में कुतरा था। उसे 31 अगस्त को भर्ती करवाया गया था।
मृतक नवजात बच्ची के माता-पिता धार जिले के गढ़ के रहने वाले हैं। दूसरे नवजात का भी उपचार किया जा रहा है। वह देवास जिले के कमलापुर के परिवार का है। 15 दिन से वार्ड में भर्ती है। डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने लापरवाही बरतने वाली नर्स श्वेता चौहान और आकांक्षा बेंजामिन को निलंबित कर दिया गया है। नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट मारग्रेट जोसेफ को भी हटा दिया गया है। प्रभारी एचओडी डॉ. मनोज जोशी, आइसीयू इंचार्ज नर्स प्रवीणा सिंह, कलावती भलावी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि मौत का कारण चूहे का काटना नहीं, बल्कि बच्ची की नाजुक हालत थी। धार से रेफर की गई बच्ची का वजन केवल 1.2 किलोग्राम था। उसका हीमोग्लोबिन भी कम था। उसके माता-पिता उसे अस्पताल में छोड़कर चले गए थे और भर्ती करने के बाद नहीं लौटे। डीन ने जांच कमेटी बनाई है। कमेटी सात दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। स्वास्थ्य कमिश्नर ने डीन से मांगा जवाब मामले को मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भी संज्ञान में लिया है।
स्वास्थ्य कमिश्नर ने डीन को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है। इसमें लिखा है कि एनआइसीयू में भर्ती दो नवजातों के अंगों को चूहों द्वारा काटने की घटना हुई है। यह अस्पताल प्रशासन एवं सेवा प्रदाता की ओर से रोगियों की देखभाल में घोर लापरवाही एवं गैर जिम्मेदारी का सूचक है।
दिखावे का पेस्ट कंट्रोल करने वाली एजाइल पर जुर्माना मामले में पेस्ट कंट्रोल करने वाली एजाइल कंपनी की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। यदि समय पर पेस्ट कंट्रोल किया होता तो चूहे वार्ड तक पहुंच ही नहीं पाते। सिर्फ 15 दिन में एक बार दिखावे का पेस्ट कंट्रोल किया जाता है। डीन ने कंपनी पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
तीन दिन से नवजात अस्पताल में भर्ती थी। माता-पिता उसकी गंभीर स्थिति को देखते छोड़कर चले गए थे। उसे सेप्टिसीमिया (इंफेक्शन) था। अस्पताल में हर 15 दिन में पेस्ट कंट्रोल किया जाता है। चूहे के कुतरने से बच्ची की मौत नहीं हुई है। इसके अलावा अन्य नवजात भी भर्ती है। उसकी आंतें उलझी हुई हैं। - डॉ. अशोक यादव, अधीक्षक, एमवायएच, इंदौर
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