नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। अगर आप किसी विदेशी प्रजातियों के जानवरों को पालने का विचार कर रहे हो तो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। कारण यह है कि ये जानवर भी नियमों के दायरे में आ गए हैं। सरकारी नियमों का पालन करना होगा, क्योंकि वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के भीतर 2022 में संशोधन किया गया है, जिसमें विदेशी प्रजाति वाले इन जानवरों के संरक्षण और नियंत्रण के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं।
2022 के संशोधन के अनुसार अनुसूची IV में सूचीबद्ध विदेशी जानवरों को रखा गया है। साथ ही उनका प्रजनन करने के लिए लाइसेंस या परमिट लेना जरूरी है। इसका उद्देश्य अवैध व्यापार और तस्करी पर रोक लगाना और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अधिकारियों के मुताबिक कार्रवाई करने की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है।
यदि आपके पास पहले से ही कोई विदेशी जानवर है तो आपको उसे पंजीकृत कराना होगा। इसके लिए आपको आनलाइन परिवेश 2.0 पोर्टल पर आवेदन करना होगा। जानवर संबंधित सभी दस्तावेज अपलोड करना होगा। आवेदन करने के बाद वन विभाग की तरफ से सत्यापन किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक अगर आप भविष्य में कोई विदेशी जानवर खरीदते या प्राप्त करते हैं तो इसकी जानकारी 30 दिनों के भीतर देनी होगी और पंजीकरण कराना होगा।
पंजीकरण के लिए 1000 रुपये फीस निर्धारित की गई है। यदि पालतू विदेशी जानवर से संतान होती है तो इसके बारे में पोर्टल पर सात दिनों के भीतर जानकारी देना जरूरी है। यहां तक जानवरों की संतान किसी अन्य व्यक्ति को देते है या बेचते हैं। इसके बारे में भी बताना अनिवार्य है।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत राज्य सरकारों को भी अधिकार है कि वे अपने-अपने राज्य में विदेशी जानवरों को पालने के लिए अलग नियम बना सकें। इसलिए एक राज्य में अनुमति होने का मतलब यह नहीं कि दूसरे राज्य में भी वही अनुमति होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार कुछ विदेशी जानवर खतरनाक हो सकते हैं और वे इंसानों के स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। यही वजह है कि कुछ राज्यों में विशेष प्रजातियों को पालतू के रूप में रखने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इसके अलावा विदेशी जानवरों को पालतू बनाना एक बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए विशेष देखभाल और अनुकूल वातावरण चाहिए।
पर्यावरणविद् और पशु-कल्याण कार्यकर्ताओं का मानना है कि विदेशी जानवरों को पालने से पहले उनके प्राकृतिक आवास, खान-पान और आदतों के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। इन जानवरों को घर में रखना आसान नहीं है और लापरवाही से उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है।
सरकार का कहना है कि इन नियमों का पालन न करने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इन प्रावधानों का मकसद लोगों को जिम्मेदारी के साथ विदेशी जानवर रखने के लिए प्रेरित करना है। न कि केवल शौक के लिए उन्हें बंद पिंजरों में कैद करना।