
नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा: तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में डूबने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। श्रद्धालुओं की आस्था और प्रशासन की लापरवाही के बीच नर्मदा घाट अब हादसों का गवाह बनते जा रहे हैं। बीते दो दिनों में डूबने से यह दूसरी घटना सामने आई है, दो घटनाओं में दो की मौत और अब तक दाे लापता बताए जा रहे हैं।मंगलवार सुबह स्नान के दौरान दो युवक नर्मदा के तेज बहाव में बह गए। देर शाम तक गोताखोरों की टीम उनकी तलाश में जुटी रही, लेकिन रात तक दोनों का कोई सुराग नहीं मिल सका।
जानकारी के अनुसार, मथुरा (उत्तर प्रदेश) के निवासी आकाश ठाकुर और तुषार बंसल अपने करीब आठ साथियों के साथ ओंकारेश्वर दर्शन के लिए पहुंचे थे। मंगलवार सुबह वे ब्रह्मपुरी घाट पर स्नान करने गए, लेकिन घाट के प्रतिबंधित क्षेत्र में चले गए। नर्मदा के तेज बहाव में संतुलन बिगड़ने से दोनों युवक गहराई में डूब गए। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान शुरू किया। देर शाम तक तलाशी अभियान जारी रहा, लेकिन डूबे युवकों का पता नहीं चल सका।
यह घटना उस समय हुई जब प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर महज खानापूर्ति करते हुए सूचना बोर्ड लगा दिए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, घाटों पर न तो पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात हैं और न ही चेतावनी का पालन कराने के ठोस इंतजाम हैं। श्रद्धालुओं को खुले में या प्रतिबंधित क्षेत्रों में स्नान करने से रोकने के लिए कोई प्रभावी निगरानी नहीं की जा रही।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को भी इसी क्षेत्र में एक व्यक्ति का शव नर्मदा से बरामद किया गया था। जानकारी के अनुसार, मृतक दंपती प्रवीण और सुनंदा सात नवंबर को ओंकारेश्वर पहुंचे थे। वे नर्मदा परिक्रमा शुरू करने वाले थे, लेकिन उसी दिन से उनका मोबाइल फोन बंद मिला। बाद में संभावना जताई गई कि दोनों गोमुख घाट पर स्नान के दौरान बह गए या एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में डूब गए।
लगातार हो रहे इन हादसों से तीर्थ नगरी में चिंता का माहौल है।श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक प्रशासन से घाटों पर स्थायी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, चेतावनी बोर्डों की प्रभावी निगरानी और प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश पर सख्ती की मांग कर रहे हैं। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो नर्मदा तट पर इस तरह की त्रासदियां यूं ही दोहराती रहेंगी।
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