
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर जिले की भांग दुकानों की जांच के दौरान गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। भांग दुकानों को लेकर प्रशासन को शिकायत मिली थी कि आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में भांग के अतिरिक्त अन्य नशीले पदार्थों का भी उपयोग किया जा रहा है। इसे लेकर भांग से निर्मित औषधियों के सैंपल लिए गए और जिले की 16 भांग दुकानों, 12 भांग घोटा और भांग मिठाई की एक दुकान के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। यह सारी दुकानें ब्रुक बांड कालोनी निवासी मोहम्मद मुजाहिद खान के नाम पर मंजूर की गई थीं। अब सभी भांग दुकानों के ठेके के लिए दोबारा नीलामी प्रक्रिया की जाएगी। पहले यह ठेके लगभग 3.29 करोड़ रुपये में दिए गए थे।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने भांग दुकानों की जांच करवाई तो इसमें और भी अनियमितताएं सामने आईं। मुजाहिद खान द्वारा भांग दुकानों के संचालन में नियमों का बार-बार उल्लंघन किया जा रहा था। सूखी भांग की आड़ में भांग की गोलियां बेची जा रही थीं। सूखी भांग बेचने के लिए तराजू और बाट भी नहीं रखे गए थे। दुकानों पर भांग के स्टाक एवं विक्रय के संबंध में रजिस्टर या अन्य कोई अभिलेख संधारित नहीं किए जा रहे थे। किस दर से भांग बेची जा रही है, इस संबंध में सूचना संबंधी बोर्ड भी दुकानों पर नहीं लगाया गया था। किसी दुकान पर माल कम तौला जा रहा था, तो कई दुकानों पर नौकरनामा ही नहीं था और दुकान का संचालन ठेकेदार के बजाय कोई और कर रहा था।
29 जुलाई को खुलेंगे नए टेंडर - कई अनियमितताओं पर खान को नोटिस जारी किए गए, लेकिन उसने गैर गंभीर तरीके से असमाधानकारक जवाब प्रस्तुत किए। इस पर कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से जिले की सभी भांग दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त राज नारायण सोनी ने बताया कि सभी भांग दुकानों के लिए अब दोबारा टेंडर जारी किए गए हैं। नए ठेकों के लिए 29 जुलाई को टेंडर खोले जाएंगे।
आयुष विभाग ने भी लिए दवाओं के नमूने, जांच के लिए भेजे - मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम-1915 में प्रविधान है कि सूखी भांग, भांग की गोली और भांग मिठाई से आयुर्वेदिक औषधि बनाकर बेची जा सकती हैं। भांग से आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिये वित्तीय वर्ष 2022-23 में 16 लाइसेंस जारी किए गए थे। पर इन लाइसेंसधारियों के खिलाफ कलेक्टर मनीष सिंह को गंभीर किस्म की शिकायतें मिली। शिकायतों में बताया गया कि आयुर्वेदिक औषधियों में जिस भांग का उपयोग किया जा रहा है उसमें कुछ नशीले पदार्थ भी मिलाए जा रहे हैं। इंदौर में भांग का उपयोग करके आयुर्वेदिक दवाइयां और मनुक्का बनाने की लगभग 18 इकाइयां हैं। आयुष विभाग के अधिकारियों ने भी इन इकाइयों से दवाओं के नमूने जांच में लिए हैं। यह नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।