नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। रेशम की डोर से बंधा बहन-भाई के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन आज हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। बहनें भैया के माथे पर तिलक लगाकर कलाई पर राखी बांधकर मुंह मीठा करा रही हैं। 100 साल बाद भद्रा रहित आई निर्विघ्न राखी पर भाई उपहार के साथ जीवनभर रक्षा का संकल्प ले रहे हैं। साथ ही आराध्य को रक्षासूत्र बांधने के लिए श्रद्धालुओं का देवस्थान पर मेला लगा हुआ है। खजराना गणेश मंदिर में श्रद्धालु राखी अर्पित करने पहुंचे रहे हैं।
शहर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में इस वर्ष 40 बाय 40 इंच की स्वदेशी अपनाओ की प्रेरणा देने वाली राखी अर्पित की गई। तकरीबन तीन महीने में बनी इस राखी पर 80 हजार चिढ़ के मोती, 1000 रुद्राक्ष, 200 से ज्यादा सोने के वर्क से सजी सुपारियां लगाई गई हैं। शांतनू पालरेचा और पुंडरिक पालरेचा ने बताया कि वे पिछले 21 वर्षों से भगवान को नए-नए विषय पर राखी बनाकर अर्पित कर रहे हैं। इस बार राखी का विषय ऑपरेशन सिंदूर है। इसमें स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
इस बार रक्षाबंधन पर नवपंचम योग होने से प्राचीन शनि मंदिर जूनी इंदौर में शनिदेव के मूल स्वरूप में दर्शन होंगे। पुजारी सचिन तिवारी के अनुसार इस दिन आयुष्मान योग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धि योग और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बना रहा है। इस अवसर पर मंदिर परिसर से रक्षा सूत्र का वितरण भी होगा। इस अवसर पर फूल बंगला सजाकर भगवान को छप्पन भोग भी लगाए जाएंगे।
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शहर में विभिन्न मठ-मंदिरों में श्रावणी उपाकर्म के आयोजन होंगे। इसमें जाने-अनजाने में हुए अपराधों का प्रायश्चित विप्रजन कर रहे हैं। इस कड़ी में बड़ा गणपति स्थित हंसदास मठ पर श्री परशुराम महासभा का आयोजन सुबह हुआ। महासभा के अध्यक्ष पंडित गोविंद शर्मा एवं कार्यक्रम संयोजक आदित्य पाराशर ने बताया कि इसमें दशाविधि स्नान, हैमाद्री संकल्प, हवन, ऋषि पूजन सहित सभी विधान महंत रामचरण दास के सान्निध्य में हुए। मठ के बटुक नवीन यज्ञोपवीत धारण किया। एरोड्रम रोड स्थित श्रीविद्याधाम पर सुबह नौ बजे श्रावणी उपाकर्म हुआ।