नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सराफा बाजार के व्यापारी अब चौपाटी के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। मंगलवार शाम बुलाई गई आपात बैठक में करीब दो हजार व्यापारी जुटे और सर्वसम्मति से तय किया कि सराफा में किसी भी दुकान के सामने एक भी ठेला या टेबल मंजूर नहीं होगा।
बैठक में एसोसिएशन अध्यक्ष हुकम सोनी, उपाध्यक्ष अविनाश मंत्री और मंत्री बसंत सोनी ने कहा कि यह लड़ाई लंबी चल सकती है और व्यापारी हर तरह के दबाव और प्रलोभन का सामना करने को तैयार हैं। व्यापारियों ने महापौर द्वारा दिए गए 80 दुकानों को चौपाटी पर लगाने की अनुमति को सिरे से खारिज कर दिया।
200 साल पुराना बाजार
उपाध्यक्ष अविनाश मंत्री ने कहा कि सराफा 200 साल पुराना बाजार है, नगर निगम चाट-चौपाटी को धरोहर बताकर गलत प्रचार कर रहा है। हमने पहले स्वेच्छा से जगह किराए पर दी थी, अब नहीं देना चाहते तो यह हमारा अधिकार है। पूर्व अध्यक्ष अनिल रांका ने कहा कि हरदा कांड के बाद चौपाटी को लेकर जो रिपोर्ट बनी थी उसमें इसे “बम” बताया गया था, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
अध्यक्ष हुकम सोनी ने कहा “व्यापार करना हमारा मौलिक अधिकार है और दुकान के सामने कब्जा करने का किसी को हक नहीं है। प्रशासन चाहे तो चौपाटी को रिपोर्ट में सुझाए गए पांच स्थानों पर शिफ्ट कर सकता है।”
शपथ पत्र भरा
बैठक के बाद दो हजार व्यापारियों ने शपथ पत्र भरकर दिया कि उन्हें सराफा चौपाटी मंजूर नहीं है। एसोसिएशन दस्तावेजी तैयारी कर रही है ताकि जरूरत पड़ने पर कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा सके। दो दिन बाद आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।