नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में तीन वर्षीय बच्ची का आधुनिक मिनी पीसीएनएल पद्धति से उपचार किया गया। इस प्रक्रिया में छोटे से चीरे के माध्यम से एक साथ दो ऑपरेशन कर किडनी से पथरी निकाली गई। खरगोन निवासी बच्ची को यूरिन करने में दर्द की शिकायत थी। इसके बाद उसे खरगोन जिला अस्पताल से यहां रैफर किया गया था।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. मनोज जोशी ने बच्ची को भर्ती किया। बच्ची की पेशाब की थैली और किडनी में पथरी थी। डॉ. विशाल कीर्ति जैन ने बताया कि बच्ची का वजन केवल नौ किलोग्राम था, जबकि सामान्यतः तीन वर्षीय बच्चे का वजन 12 किलोग्राम के आसपास होता है। सीटी स्कैन के बाद यह निर्णय लिया गया कि बच्ची का दूरबीन से ऑपरेशन किया जाएगा।
ऑपरेशन में डेढ़ सेमी की पथरी को पेशाब की थैली से और दो सेमी की पथरी को किडनी से मिनी पीसीएनएल तकनीक से पांच एमएम के चीरे के माध्यम से निकाला गया। इस प्रक्रिया में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगा। विशेषज्ञों ने बताया कि कुपोषण के कारण बच्ची को बेहोशी की दवा देने में जोखिम था।
बच्चों की यूरेथ्रा छोटी होती है, इसलिए छोटे उपकरणों का उपयोग किया गया। इस सफल ऑपरेशन में यूरोलाजी और पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और अधीक्षक डॉ. सुमित शुक्ला ने टीम को बधाई दी।