
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आइएएस संतोष वर्मा से जुड़े फर्जी फैसला मामले में नया मोड़ आ गया है। इस प्रकरण के आरोपित विजेंद्र सिंह रावत (निलंबित जज) और नीतू चौहान (टाइपिस्ट) को जमानत देने वाले सेशन जज प्रकाश कसेर का अचानक तबादला कर दिया गया है। रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश जारी कर उन्हें इंदौर से सीधी के रामपुर भेजा गया है। कसेर से 5 जनवरी या इससे पहले ज्वाइनिंग के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि एमजी रोड पुलिस ने विवादित आइएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कोर्ट के फर्जी फैसला तैयार करने के मामले में प्रकरण दर्ज किया था। इस प्रकरण की जांच के दौरान इंदौर में तत्कालीन स्पेशल जज विजेंद्र सिंह रावत और उनके टाइपिस्ट नीतू चौहान की भूमिका पाए जाने पर पुलिस ने प्रकरण में उन्हें भी आरोपित बना लिया। आरोप है कि फर्जी आदेश विजेंद्र सिंह रावत की कोर्ट से और उनके हस्ताक्षर से जारी हुए थे और इन्हें टाइपिस्ट चौहान ने तैयार किया था। आरोपित बनाए जाने के बाद रावत को निलंबित कर दिया गया। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए रावत ने जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था।
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तीन दिसंबर 2025 को सेशन जज प्रकाश कसेर ने इस आवेदन को स्वीकारते हुए पुलिस की आपत्ति के बावजूद रावत को अग्रिम जमानत दे दी। इसी तरह टाइपिस्ट चौहान को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद रिमांड अवधि के दौरान 19 दिसंबर 2025 को जमानत दी गई थी। रावत को आरोपित के बजाय लिखा था याचिकाकर्ता 3 दिसंबर को निलंबित जज विजेंद्र सिंह रावत के अग्रिम जमानत आवेदन को स्वीकारते हुए कसेर ने 6 पेज का आदेश जारी किया था। इस आदेश में रावत को आरोपित नहीं बल्कि आवेदक याचिकाकर्ता लिखा गया था। रावत की ओर से एक सेवानिवृत्त जज ने बतौर वकील पैरवी की थी।