
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर में बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी डॉक्टरों द्वारा उपचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई बार शिकायतों के बावजूद वर्षों तक जांच पूरी नहीं हो पाती है। हाल ही में एक युवती ने आरोप लगाया कि टैटू हटवाने के लिए किए गए लेजर ट्रीटमेंट में गलतियां हुईं, जिसके कारण उसका एयर होस्टेस बनने का सपना टूट गया। मामले में सीएमएचओ कार्यालय और पुलिस अधिकारियों को शिकायत की गई है।
ईशा जायसवाल ने बताया कि वह एविएशन का कोर्स करने गई थी, जहां टैटू पर आपत्ति थी। इसलिए वह ओल्ड पलासिया स्थित प्योरशेडो क्लीनिक गई। वहां दीपक नाम का युवक मिला, जो खुद को डॉक्टर बताता था। उसने डॉ. जानवी जैन से बात करवाई और विश्वास दिलाया कि टैटू हट जाएगा।
ईशा ने बताया कि उसने सभी दवाइयां समय पर लीं, लेकिन तीन महीने बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। उसके हाथ की त्वचा जल गई और छाले हो गए। इसके लिए उसे मोटी रकम भी चुकानी पड़ी। ईशा ने करीब 10 बार ट्रीटमेंट लिया। बाद में पता चला कि दीपक डॉक्टर नहीं था और उसने बिना विशेषज्ञता के इलाज किया था।
ईशा ने कहा कि एक त्वचा रोग विशेषज्ञ के अनुसार टैटू हटाने के लिए अब प्लास्टिक सर्जरी का विकल्प भी नहीं है। इस संबंध में शिकायत के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी क्लीनिक की शिकायत पूर्व में काम करने वाली एक युवती शीतल शर्मा ने भी की है। उसने बताया कि डा. जानवी जैन ने उसे यूके बोर्ड लंदन द्वारा प्रमाणित कास्मेटोलाजी कोर्स करने का प्रस्ताव दिया था, जिसके लिए 25 हजार रुपये फीस भी ली गई, लेकिन प्रमाण पत्र अब तक नहीं दिया गया।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. संजय पंचोली ने कहा कि टैटू हटवाना एक धीमी प्रक्रिया है। इसमें सबसे पहले यह देखा जाता है कि टैटू कितना पुराना है, कौन-सी इंक का उपयोग इसे बनवाने में किया गया है। कौन-सा कलर है। इसके लिए डर्मेटोलाजिस्ट को दिखाना चाहिए। डाक्टर से पूरी प्रक्रिया को समझना चाहिए, इसके बाद ही इलाज शुरू करवाना चाहिए।
इस मामले की जानकारी नहीं है, मैं इसे दिखवाता हूं। कार्यालय में बड़ी संख्या में शिकायत आती है, सभी पर जांच के बाद कार्रवाई की जाती है। - डॉ. माधव हासानी, सीएमएचओ
टैटू हटवाने के संबंध में प्योरशेडो नाम के एक क्लीनिक की शिकायत हुई है। इस मामले में जांच कमेटी द्वारा की जा रही है। अभी बयान ले लिए गए हैं। - डॉ. शरद गुप्ता, अध्यक्ष, जांच कमेटी
प्रशिक्षण के लिए आया था
मामले में सीएमएचओ कार्यालय और पुलिस अधिकारी को बयान दे चुकी हूं। शीतल शर्मा पहले हमारे यहां काम करती थी, शिकायतकर्ता ईशा उसकी रिश्तेदार है। जिस दीपक पर आरोप लगा रहे हैं, वह प्रशिक्षण के लिए आया था। यह पुराना मामला है, जिसकी शिकायत अब की गई है। - डॉ. जानवी जैन, संचालक, प्योरशेडो क्लीनिक
मामले में दोनों पक्षों के बयान ले लिए गए हैं। इसकी जांच सीएमएचओ कार्यालय में हो रही है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -तुषार सिंह, एसीपी