नईदुनिया प्रतिनिधि, इटारसी। शहर के एक मुस्लिम युवक ने वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के लिए अपनी किडनियां दान करने की पेशकश की है। युवक ने नर्मदापुरम कलेक्टर और प्रेमानंद जी के वृंदावन स्थित आश्रम को इस संबंध में डाक से एक पत्र भेजा है, पत्र के जरिए युवक ने अपनी भावनाओं से प्रेमानंद जी को अवगत कराते हुए उन्हें एक महान संत बताते हुए कहा है कि वह आज के नफरती माहौल में कौमी एकता की अनूठी मिसाल हैं। देश में कौमी एकता और भाईचारे का संदेश देने के लिए उन्होंने यह पहल की है।
युवक का कहना है कि भविष्य में वह एक बार वृंदावन जाकर प्रेमानंद जी के दर्शन का लाभ लेंगे, यदि प्रेमानंद जी की अनुमति मिलती है तो वह उनके लिए अपनी किडनी भी दान करने को तैयार हैं। अपने उपदेश के जरिए लोगों को सही रास्ता बताने वाले प्रेमानंद जी देश-विदेश में विख्यात हैं। प्रेमानंद जी महाराज लंबे समय से किडनी संक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी के प्रवचन खासे लोकप्रिय हैं, लाखों लोग उन्हें फॉलो करते हैं। खास तौर पर युवाओं में तेजी से उनके प्रति रुझान बढ़ रहा है।
न्यास कालोनी निवासी आरिफ खान चिश्ती वल्द जमील खान चिश्ती ने अपने भावनात्मक पत्र में प्रेमानंद जी के आचरण और व्यवहार से प्रभावित होकर अपनी किडनी दान करने की इच्छा जताई है। चिश्ती ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए संत की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त हुई, जिसके बाद वे व्यथित हैं, उन्होंने स्वेच्छा से किडनी दान करने की पेशकश की है। चिश्ती ने श्री हित राधा केली कुंज आश्रम वृंदावन के पते पर अपना पत्र भेजा है।
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पत्र में चिश्ती ने लिखा है कि संत प्रेमानंद जी देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं। आज के नफरती दौर में उनका संसार में रहना आवश्यक है। मैं रहूं या न रहूं, लेकिन उनकी समाज और संसार को जरूरत हैं। चिश्ती ने बताया कि वे कंसल्टेंसी फर्म का संचालन करते हैं, कई सालों से बेसहारा लाशों के कफन दफन का प्रबंध भी वे एक एनजीओ के माध्यम से कर रहे हैं। चिश्ती ने कहा कि वह संत प्रेमानंद जी के फैन हैं, उन्हें संत की वाणी प्रेरित करती है, उनकी इच्छा है कि वह एक बार वृंदावन जाकर प्रेमानंद जी के दर्शन करें।