इटारसी, नवदुनिया प्रतिनिधि। कई सालों से शहर में प्रदूषण की वजह बन रहे रेलवे मालगोदाम की सूरत राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एनजीटी के नोटिस के बाद बदल रही है। रेलवे अधिकारियों ने एनजीटी की सख्त नसीहत के बाद सालों से बदहाल पड़े परिसर में प्रदूषण रोकथाम के उपाय शुरू कर दिए हैं। चारों तरफ से कच्चे पड़े मालगोदाम की जमीन पर सीमेंट-कांक्रीट बिछाया गया है। इससे सबसे ज्यादा फायदा यह होगा कि ट्रकों की आवाजाही से उठने वाला धूल का गुबार खत्म होगा। धूल के कणों को दबाने के लिए यहां वाटर स्पिंक्रलर फब्वारे लगाए गए हैं, काम के दौरान इन स्पिंक्रलर से पानी की बौछार चारों तरफ उठेगी।
एनजीटी से मिले थे नोटिस
कई सालों से करोड़ों रुपये कमाने के बावजूद प्रदूषण रोकथाम की अनदेखी कर रहे रेलवे अधिकारी पिछले दिनों एनजीटी के समक्ष हुई शिकायत के बाद जांच के घेरे में आ गए थे। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने सुरक्षा इतंजाम किए बिना यहां फर्टिलाइजर्स एवं सीमेंट के रैक लगाने पर पाबंदी तक लगा दी थी। साथ ही अधिकारियों को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तय मापदंडों के तहत उपाय करने को कहा था।
एक सर्वे में पता चला कि इस मालगोदाम में लगने वाले सीमेंट-फर्टिलाइजर के रैक के कारण आसपास के पूरे इलाके में तेजी से वायु एवं जल प्रदूषण हो रहा है, पानी एवं वायु में कई हानिकारक तत्वों की अधिकता मापी गई थी, इस मामले में पर्यावरणविद की शिकायत के बाद रेलवे को कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
एनजीटी के निर्देश पर कुछ माह पहले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम सर्वे कर गई थी। टीम ने जांच में पाया कि यहां प्रदूषण रोकने के किसी तरह उपाय नहीं किए गए हैं।
अब यह किया रेलवे ने
रेलवे ने परिसर के कच्चे हिस्से में सीमेंट-कांक्रीट एरिया विकसित किया है। इसके अलावा धूल उड़ने से रोकने के लिए पूरे एरिया में कवर्ड टीन लगाए गए हैं, जिससे धूल परिसर से बाहर न जाए।
परिसर में ग्रीन कारीडोर
स्पिंक्रलर लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रेलवे को हर साल इस मालगोदाम से परिवहन के जरिए 60-70 करोड़ रुपये की कमाई होती है, लेकिन लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रेल विभाग सिर्फ कमाई पर ध्यान देता रहा। इस लापरवाही से यहां काम करने वाले हम्माल, मजदूर, ट्रक ड्राइवरों, व्यापारियों की सेहत से खिलवाड़ होता रहा। धूल के गुबार में काम करने वाले हम्मालों की सेहत पर भी विपरीत असर पड़ रहा था, अब जाकर रेलवे को इनकी चिंता हुई है, रेलवे ने अपनी चूक मानते हुए जल्द एनजीटी से एनओसी के लिए सुरक्षा उपायों पर काम किया है। परिसर में करीब 25 एल टाइप पोल लगाकर उसमें स्पिंक्रलर सिस्टम लगाया गया है, पाइपलाइन बिछाकर रेलवे टंकी से पानी छिड़काव किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में रेलवे को करीब 3-4 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा है।
नहीं बढ़ेगा प्रदूषण
रेलवे के इन उपायों से नाला मोहल्ला, बजरंगपुरा, पोटरखोली, नेहरूगंज तक रहने वाले लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी। दरअसल मालगोदाम के सामने ही रिहायशी इलाका है, स्कूली बच्चे एवं हजारों नागरिक इस मार्ग से आवाजाही करते हैं। करीब 20 हजार की आबादी को इससे काफी फायदा होगा।
काम हो रहा है
मालगोदाम में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सभी काम कराए जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण न फैले। जल्द ही सारे काम पूरे हो जाएंगे। स्पिंक्रलर लगातार चलेगा। साथ ही सीसी वर्क होने से धूल-धुआं नहीं फैलेगा। मंडल रेल प्रबंधक स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं।
- सूबेदार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी।