इटारसी नवदुनिया प्रतिनिधि। भिरंगी-खिरकिया स्टेशन पर मालगाड़ी के गार्ड यान से गिरकर बुरी तरह जख्मी हुए ट्रेन मैनेजर नीरज सपकाले की हालत खतरे से बाहर है, वह बात भी कर रहे हैं। साथ ही उनकी हालत में सुधार है। नर्मदा अपना अस्पताल में उनका इलाज जारी है। मंगलवार को स्वजनों की मांग पर स्पाइन विशेषज्ञ अस्पताल संचालक डा. राजेश शर्मा ने नीरज सपकाले को देखा, साथ ही उनकी कमर में दर्द संबंधी समस्या की जानकारी ली। शर्मा ने बताया कि मरीज को स्पाइनल समस्या है, उसकी जान बच गई है, लेकिन गिरने की वजह से कमर में अंदरूनी चोट पहुंची है, इस वजह से चलने-फिरने में 10 दिन का वक्त लग सकता है। शर्मा ने बताया कि सिर में जो चोट आई थी, वहां हरदा अस्पताल में टांके लगाए गए थे। सपकाले की नर्मदा अस्पताल में सभी तरह की जांच कराई गई है, साथ ही उन्हें आइसीयू में रखा गया है।
नहीं आए रेलवे अफसरः ट्रेन मैनेजर नीरज सपकाले के साथ हुए दर्दनाक हादसे की जानकारी लगने के बाद अभी तक रेलवे का कोई भी आला अफसर उनके हाल जानने के लिए अस्पताल नहीं पहुंचा है, जबकि आन ड्यूटी कर्मचारी के साथ हुई इतनी बड़ी घटना के बाद संवेदनशीलता का परिचय देते हुए रेलवे के आला अफसरों को यहां पहुंचना था। बताया गया है कि रेलवे चिकित्सक डा. शिवम कुलश्रेष्ठ ने भी मरीज को नर्मदा अस्पताल जाकर अटेंड किया है, हालांकि हादसे के दिन बिना मरीज देखे रेफर न करने की जिद पर अड़े कुलश्रेष्ठ के खिलाफ रेलवे संगठनों ने जमकर नाराजगी जताते हुए इस मामले में आंदोलन की बात भी कही थी। पिछले 24 घंटे तक जिदंगी-मौत से जूझने के बाद अब सपकाले की हालत में तेजी से सुधार आया है।
विभागीय जांच जारी
इधर रेलवे की 5 सदस्यीय टीम इस पूरे हादसे की जांच कर रही है। सिग्नल एक्सचेंच में हुई लापरवाही के अलावा अन्य तथ्यों पर संबधित स्टेशनों के स्टेशन मास्टर, परिचालन विभाग, सिग्नल विभाग, ट्रेन पायलेट समेत पेट्रोलिंग कर्मचारियों के बयान भी लिए जाएंगे, बताया जा रहा है कि रेलवे ट्रेक पर अचानक आए किसी जंगली जानवर को बचाने के चक्कर में ब्रेक लगाए गए थे, जिसका झटका लगने से सपकाले गार्ड यान में संतुलन गंवा बैठे और चलती ट्रेन से गिर गए। हालत सामान्य होने के बाद सपकाले से भी पूरी घटना को लेकर पूछताछ की जा सकती है।