
नईदुनिया प्रतिनिधि,जबलपुर। स्कूल से सेवानिवृत्त प्राचार्य सायबर ठगी का शिकार होने से बच गई। ठगों ने सेवानिवृत्त प्राचार्य और उनके बुजुर्ग पति को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। आरोपितों ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले से नाम जोड़कर दंपती को डराया।
ठग एटीएस अफसर बनकर मोबाइल पर वीडियो काॅल पर बात कर रहे थे। उनका आरोप था कि दंपती के खाते में पुलवामा हमले के लिए हुई फंडिंग के 70 लाख रुपये आए हैं। फर्जी अफसरों ने दंपती को एकाउंट को सेनेटाइज करने और पूरी रकम आरबीआई के एकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा।
महिला मंगलवार को रकम ट्रांसफर करने घर से निकली, लेकिन अधिवक्ता के पास पहुंच गई। अधिवक्ता उन्हें पुलिस के पास लेकर पहुंचे। फिर पुलिस के साथ घर लौटे, तो देखा कि आरोपित वीडियो काॅल पर थे। जैसे ही असल पुलिस अफसर ने बात की, तो आरोपितों ने फोन कट कर दिया। यह घटना बाई का बगीचा इलाके मे हुई। पुलिस एकाउंट नम्बर और फोन नंबर के आधार पर आरोपितों की जानकारी जुटाने में लगी है।

आरोपियों ने अमिता को सोमवार को एक एकाउंट नम्बर दिया। कहा कि वह आरबीआई का एकाउंट है। पूरे 70 लाख रुपए उसमें ट्रांसफर करें। वरना जेल जाना पड़ सकता है। अमिता घबराई हुई घर से निकलीं। पति वीडियोकॉल पर ही थे। अमिता सीधे अधिवक्ता अनिल मिश्रा के पास पहुंची। उनका फोन चालू था। तब अमिता ने कागज में लिखकर अधिवक्ता को आपबीती बताई।

अधिवक्ता अमिता को लेकर एसपी आफिस में एएसपी क्राइम ब्रांच जितेन्द्र सिंह के पास पहुंचे। महिला घबराई हुई थी। पूरी बात बताई। इसके बाद वे महिला के साथ उनके घर पहुंचे। जहां पति वीडियोकॉल पर ही थे। एएसपी ने पहले रिश्तेदार बनकर बातचीत की। आरोपी रुपए मांगते रहे, तब उन्होने बताया कि वे एएसी बोल रहे हैं, तो कॉल डिस्कनेक्ट हो गया और दंपत्ति ठगी का शिकार होने से बच गए।