नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: भोपाल गैस त्रासदी के जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड का 307 टन कचरा पीथमपुर स्थित भस्मक संयंत्र में सफलतापूर्वक नष्ट किया जा चुका है। वहीं 899 टन राख को नष्ट करने की प्रक्रिया दिसंबर में शुरू होगी। इस संदर्भ में शासन ने 30 जून को कोर्ट को एक स्टेटस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की थी।
गुरुवार को जबलपुर हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी, जिसमें कोर्ट ने तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी को बुलाया है। इस कमेटी में सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और नीरी (नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) के विशेषज्ञ शामिल हैं। कोर्ट द्वारा यूका के कचरे को नष्ट करने के तकनीकी परिणामों पर एक्सपर्ट कमेटी से सवाल-जवाब किए जाएंगे।
पीथमपुर स्थित एनर्जी इन्वायरो कंपनी के भस्मक संयंत्र में अब तक 337 टन यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाया जा चुका है। इस प्रक्रिया में चूना और सोडियम सल्फाइड को भी मिलाया गया है।
अब 899 टन राख शेष है, जिसे एक-एक टन के एचडीपीई बैग में रखकर लीक प्रूफ स्टोरेज शेड में सुरक्षित किया गया है। संयंत्र परिसर में लैंडफिल निर्माण का कार्य दिसंबर में शुरू होगा।
इसके लिए जमीन की सतह से एक फीट गहराई की मिट्टी निकालकर 1.5 मीटर ऊंचाई पर कचरे को सुरक्षित रखने के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। इस कार्य का कुछ हिस्सा पूरा हो चुका है।
वर्षाकाल समाप्त होने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आएगी। इसे अक्टूबर-नवंबर तक तैयार किया जाएगा और दिसंबर में राख को लैंडफिल में दबाने की प्रक्रिया आरंभ होगी।
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