
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर: विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) की अंतिम प्रक्रिया 22 दिसंबर यानी आज से शुरू होने जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत जिले के करीब 69 हजार मतदाताओं के घर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पहुंचेंगे और उन्हें तहसील कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस देंगे। निर्वाचन विभाग और जिला प्रशासन ने मतदाता सूची को शुद्ध और त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से इस बार प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सख्त बनाने की तैयारी की है।
एसआईआर के दौरान मतदाता सूची में नाम विलोपन, संशोधन, स्थानांतरण और अन्य आपत्तियों से जुड़े मामलों की अंतिम जांच की जाएगी। जिन मतदाताओं के नामों को लेकर संदेह या आपत्ति दर्ज की गई है, उनके घर बीएलओ पहुंचकर नोटिस देंगे। इसके बाद संबंधित मतदाताओं को निर्धारित तिथि पर तहसील कार्यालय में आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा।
जिले की आठ तहसीलों में इस प्रक्रिया के लिए विशेष सुनवाई कक्ष बनाए गए हैं। यहां कुल 50 अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो प्रतिदिन प्राप्त होने वाले मामलों की सुनवाई करेंगे। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्रकरणों का निष्पक्ष परीक्षण किया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। हर मामले में उपलब्ध दस्तावेजों और तथ्यों के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा।
जिला प्रशासन का कहना है कि मतदाता सूची में त्रुटियों के कारण चुनाव के दौरान कई बार विवाद और शिकायतें सामने आती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार एसआईआर की अंतिम प्रक्रिया को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न हो और अपात्र नामों को समय रहते हटाया जा सके।
जिन मतदाताओं को नोटिस दिया जाएगा, उन्हें पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आयु संबंधी दस्तावेज और अन्य आवश्यक कागजात के साथ तय तिथि पर तहसील कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा। समय पर उपस्थित न होने की स्थिति में संबंधित मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है। प्रशासनिक स्तर पर भी इस पूरी प्रक्रिया की लगातार निगरानी की जाएगी।
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बता दें कि वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर तहसीलों का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लेंगे। बीएलओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे नोटिस वितरण के दौरान पूरी जानकारी स्पष्ट रूप से मतदाताओं को दें, ताकि किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न बने। इधर एसआईआर की यह अंतिम प्रक्रिया मतदाता सूची के शुद्धिकरण की दिशा में अहम कदम है। इससे आगामी चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी और मतदान प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय होगी।