नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। महाकोशल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के नर्सरी वार्ड में नवजात शिशुओं के लिए बेड की संख्या बेहद सीमित है। हालत यह है कि 35 की क्षमता वाले नर्सरी वार्ड में 100 से अधिक शिशुओं को रखा जा रहा है। यह स्थिति तब है जब स्वास्थ्य सेवाओं में मेडिकल प्रशासन बेहतर होने का दावा कर रहा है।
दरअसल मेडिकल के पुराने ब्लॉक में नर्सरी वार्ड में बेड की संख्या सीमित होने पर नए ब्लॉक में भी इसके विस्तार की योजना पर कार्य चल रहा है। लेकिन हर बार संसाधन के अभाव में विस्तार की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। नर्सरी वार्ड में बेड पर सीमित नहीं, स्टाफ भी बेहद कम है। बावजूद इसके कार्य चल रहा है। नर्सरी वार्ड में समय से पहले जन्म, संक्रमण, जन्मजात हृदय रोग, नवजात पीलिया, श्वसन संक्रमण, जन्म के समय श्वास अवरोध आदि से पीड़ित शिशु चिकित्सकों की निगरानी में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
एनएससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए पृथक से वार्ड तो बना दिया गया, लेकिन बेड की संख्या सीमित होने के कारण क्षमता से अधिक शिशुओं को देखभाल के लिए रखा जा रहा है। सामान्यतः बाल रोग विभाग के अंतर्गत यह इकाई संचालित है। यह इकाई विशेष रूप से बीमार या समय से पहले जन्मे शिशुओं को चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रही है। साथ ही श्वसन संक्रमण से ग्रसित शिशु भी इसमें भर्ती हैं।
नर्सरी वार्ड अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुराने भवन में संचालित हैं। जिसमें महज 35 बेड ही हैं, यदि पास के न्यू ब्लॉक का वार्ड आरंभ हो जाता है तो यह संख्या 35 प्लस 35 यानी कुल 70 हो जाएगी। लेकिन न्यू ब्लॉक को बने तो काफी समय हो गया पर नर्सरी में एसी सहित अन्य संसाधनों का टोटा है। जिसके कारण वार्ड शुरू होने की योजना ठंडे बस्ते में है।
नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए वर्तमान में 14 डॉक्टर व लगभग छह नर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जबकि पूर्व में क्षमता 48 के आसपास थी। अत: सीमित स्टाफ पर जिम्मेदारियों का भार अधिक है। जिसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन को समझना होगा।
न्यू ब्लॉक में नर्सरी वार्ड हमारी पहली प्राथमिकता है। उम्मीद है जल्द ही इसे आरंभ कर देंगे। एसी के साथ ऑक्सीजन व एयर लाइन का काम शेष है। यह बात भी सही है कि पुराने ब्लॉक का नर्सरी वार्ड ओवरबेड है। न्यू ब्लॉक का वार्ड शुरू हो जाने से बेड की संख्या बढ़ जाएगी। - डॉ. अरविंद शर्मा, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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