नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त जगदीश सरवटे करोड़ों की संपत्ति के मालिक पाए गए हैं। मंडला में उनका एक रेस्टोरेंट और रिसोर्ट होने का पता चला है। आरोपित उपायुक्त के आवास और बैंक लाकरों की जांच में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को उसकी व्यावसायिक संपत्तियों की जानकारी लगी है। छानबीन के लिए गुरुवार को ईओडब्ल्यू का एक दल मंडला पहुंचा। जहां, आरोपित का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के पास मराठा रिसोर्ट और मंडला में जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जायका नाम का एक रेस्टोरेंट मिला है।
दोनों संपत्तियों का मूल्यांकन कराया जा रहा है। आशंका है कि उपायुक्त ने दोनों व्यावसायिक प्रतिष्ठान में अपनी काली कमाई खपाई है। वहीं, उपायुक्त के विरुद्ध जबलपुर के गोरखपुर थाने में आबकारी अधिनियम का मामला भी पंजीबद्ध कर लिया गया है। यह कार्रवाई ईओडब्ल्यू ने जगदीश सरवटे के रामपुर स्थित शासकीय आवास की जांच के दौरान भारी मात्रा में जब्त की गई महंगी शराब के आधार पर की है। आरोपित पर आय से अधिक संपत्ति के मामले के साथ ही अब आबकारी अधिनियम का शिकंजा भी कस गया है।
अधारताल स्थित पैतृक आवास में बाघ की खाल मिलने पर सरवटे की मां सावित्री पर वन्य विभाग भी वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धाराएं लगाते हुए गिरफ्तार कर चुका है। बता दें कि ईओडब्ल्यू ने मंगलवार को उपायुक्त सरवटे के रामपुर स्थित शासकीय आवास और अधारताल स्थित पैतृक आवास में एक साथ छापा मारा था। इसी दौरान भोपाल में सरवटे के घर पर भी जांच की गई थी। बुधवार को आदिम जाति कल्याण विभाग के जबलपुर और सागर स्थित कार्यालय में भी सरवटे से संबंधित मामले को लेकर छानबीन की गई थी। अभी तक छानबीन में ईओडब्ल्यू को सरवटे की जबलपुर, मंडला, भोपाल में कई संपत्तियों का पता चला है।
उसके घर, बैंक लाकर से लाखों रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं। गुरुवार को भी ईओडब्ल्यू के अलग-अलग दल सरवटे के मामले की जांच में जुटे रहे। ईओडब्ल्यू को आरोपित के आवास से जब्त अभिलेखों में कुछ किराए के अनुबंध पत्र भी मिले हैं। इन्हें खंगाला जा रहा है ताकि यह पता किया जा सके कि आरोपित काली कमाई के निवेश से और कितने नए स्रोत बनाकर रखे था।