
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर में धान के परिवहन में बड़ा घोटाला सामने आया है। जांच में पता चला कि कुछ राइस मिलर्स ने धान की ढुलाई के लिए ट्रकों की बजाय स्कूटर, ऑटो और अन्य छोटे वाहनों के नंबर दर्ज किए हैं। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने करीब 40 मिलर्स को नोटिस जारी किया है।
पहले चरण की जांच में जबलपुर जिले से बाहर भेजे गए धान की परिवहन व्यवस्था में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। अब जिले के भीतर धान की ढुलाई की जांच राजस्व विभाग के एसडीएम को सौंपी गई। जबलपुर, रांझी, शहपुरा, सिहोरा और पाटन के एसडीएम ने 44 से ज्यादा राइस मिलर्स के रिकॉर्ड खंगाले।
यह भी पढ़ें: बच्चे को पीटा, डिक्की में डाला...5 घंटे तक लॉकअप में किया बंद, कटनी में DSP-तहसीलदार विवाद में बाल अधिकारों का हनन
जांच में यह हैरान करने वाली बात सामने आई कि कई मिलर्स ने वेयरहाउस से धान लाने के लिए जिन वाहनों का जिक्र किया, उनके नंबर गलत निकले। कुछ मामलों में जिन वाहनों का नंबर सही था, वे वाहन इतने बड़े नहीं थे कि धान की बड़ी खेप को ला सकें। कुछ नंबर स्कूटर, ऑटो या हाइवा के निकले, जिनका धान की ढुलाई से कोई लेना-देना नहीं। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इन अनियमितताओं पर संज्ञान लेते हुए करीब 40 मिलर्स को नोटिस जारी किया है और स्पष्टीकरण मांगा है कि गलत वाहन नंबर क्यों दिए गए।
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में अब सड़क हादसों पर लगेगी लगाम, ब्लैक स्पॉट के साथ रेड और हॉट स्पॉट भी होंगे चिह्नित
जांच तीन चरणों में की गई।
अब सवाल यह है कि क्या यह गड़बड़ी जानबूझकर मिलर ने की या फिर कंप्यूटर ऑपरेटर से गलती हुई? इसी को जानने के लिए नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।
सूत्रों के अनुसार करीब 20 ऐसी राइस मिलें हैं जिन्होंने एक करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के धान के परिवहन में गलत नंबर दिखाए हैं। पहले हुई जांच में इन मिलर्स को क्लीन चिट दे दी गई थी, लेकिन वाहन नंबरों की गड़बड़ी की जांच पहले नहीं की गई थी।