
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार ने नया कदम उठाया है। अब सिर्फ ब्लैक स्पॉट ही नहीं, बल्कि सभी जिलों में रेड स्पॉट और हॉट स्पॉट भी चिन्हित किए जाएंगे। ये ऐसे स्थान होंगे जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। इसके लिए मापदंड भी तय किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने हाल ही में जिला सड़क सुरक्षा समिति (DRSC) की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में रोड सेफ्टी प्लान तैयार किया जाए और ऐसे खतरनाक स्थानों की पहचान कर वहां सुधार कार्य किया जाए।
सरकार ने साफ कर दिया है कि जो लोग लापरवाही से वाहन चलाते हैं, उनके ड्राइविंग लाइसेंस को तीन महीने के लिए निलंबित किया जाएगा। यह नियम सख्ती से लागू किया जाएगा। 2024 में मध्य प्रदेश में 14 हजार लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई, जबकि करीब 56 हजार लोग घायल हुए।
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पुलिस मुख्यालय के अनुसार, रेड और हॉट स्पॉट चिन्हित करने से जिला स्तर की सड़क सुरक्षा समितियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि किस स्थान पर बार-बार दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं। इसके बाद वहां जरूरी सुधार किए जा सकेंगे। इन सुधारों में सड़क डिजाइन, संकेतक, स्ट्रीट लाइट या स्पीड ब्रेकर जैसे काम शामिल हो सकते हैं।
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अब तक प्रदेश में केवल ब्लैक स्पॉट की पहचान होती थी, लेकिन अब उनका दायरा बढ़ाया जा रहा है। वर्ष 2021 में प्रदेश में 395 ब्लैक स्पॉट थे जो अब बढ़कर 480 हो गए हैं। ये भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। सभी जिलों में यह कार्य कलेक्टरों की निगरानी में किया जाएगा और संबंधित विभाग जैसे PWD, ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम आदि की मदद ली जाएगी।