ई-अटेंडेंस दर्ज कराने में कई बार नेटवर्क सहित अन्य तकनीकी समस्याएं आ रहीं, शिक्षकों ने पेश किए शपथ-पत्र
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष सोमवार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्यता के मामले में सुनवाई हुई। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ शिक्षकों ने इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
Publish Date: Tue, 18 Nov 2025 11:26:53 AM (IST)
Updated Date: Tue, 18 Nov 2025 11:27:27 AM (IST)
E-attendance row in HC: याचिकाकर्ताओं ने बायोमैट्रिक या रजिस्टर में उपस्थित दर्ज कराने की रखी मांग।HighLights
- हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
- मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को
- कई जिलों के शिक्षकों ने दायर की है याचिका
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर : हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष सोमवार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्यता के मामले में सुनवाई हुई। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ शिक्षकों ने इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से पूर्व निर्देश के पालन में शपथ-पत्र प्रस्तुत किए गए। जिनमें अवगत कराया गया कि ई-अटेंडेंस दर्ज कराने में कई बार नेटवर्क सहित अन्य तकनीकी समस्याएं आ रही हैं। शपथ-पत्र को रिकार्ड पर लेते हुए कोर्ट ने सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को
इस मामले की अगली सुनवाई अब 24 नवंबर को होगी। पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने शिक्षकों को हलफनामा पेश कर यह बताने को कहा था कि किस-किस दिन उन्होंने ई-अटेंडेंस का प्रयास किया और तकनीकी कारणों से उपस्थिति दर्ज नहीं हुई।
वहीं शासन की ओर से तर्क दिया गया कि नेटवर्क की समस्या नहीं है क्योंकि उसी स्कूल में अधिकतर शिक्षक ई-अटेंडेंस लगा रहे हैं। जबलपुर निवासी मुकेश सिंह वरकड़े, सतना के सत्येंद्र तिवारी सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 27 शिक्षकों ने याचिका दायर कर ई-अटेंडेंस को चुनौती दी है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील की दलील
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के लिए बने हमारे शिक्षक एप के जरिए से उपस्थित दर्ज कराने में बहुत समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। जून 2025 से विभाग ने शिक्षक एप को शिक्षकों के पर्सनल मोबाइल पर डाउनलोड कर दिन भर लोकेशन ओर जीपीएस सिस्टम ऑन करते हुए उपस्थित दर्ज कराने के लिए आदेश जारी किया।
पर्सनल मोबाइल पर कोई भी एप डाउनलोड करने तथा उनके पर्सनल मोबाइल पर डेटा सुरक्षा की गारंटी का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया, जबकि लगातार साइबर फ्राड के प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं। लोकेशन ऑनलाइन करने पर शिक्षकों को सुरक्षा की बड़ी चिंता है।
यह दलील भी दी गई कि कई शिक्षकों के पास अच्छा स्मार्टफोन नहीं है। प्रतिमाह डाटा पैक खरीदना, प्रतिदिन मोबाइल की बैटरी चार्ज रखना, स्कूल में नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं होने की भी समस्याएं हैं। एप में सर्वर की समस्या व चेहरा मिलान की भी समस्याएं हैं। मांग की गई कि या तो बायोमीट्रिक मशीन से या पूर्व की भांति कर्मचारी रजिस्टर में उपस्थित दर्ज कराई जाए।